नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में वैक्सीन मैत्री अभियान को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार की ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल के कारण मल्टीपोलर होती वैश्विक व्यवस्था में भारत की साख बढ़ी है. अभी तक विश्व के कुल 72 देशों को कोरोना वैक्सीन भेजी गई है. वैक्सीन मैत्री की शुरुआत मालदीव से की गई थी, इसके पश्चात भूटान, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों को वैक्सीन भेजी गई. बाद में अफ्रीका और खाड़ी के देशों को भी वैक्सीन भेजी गई. उन्होंने कहा कि गरीब देश हमारी तरफ उम्मीद से देख रहे हैं कि भारत सस्ती और गुणवत्तापूर्ण वैक्सीन उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है.
‘कोरोना काल में 150 देशों को पहुंचाई दवाएं’
विदेश मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में पैरासिटामोल और हाइड्रोक्लोरोक्वीन जैसी दवाओं की बढ़ी मांग को पूरा करने में भारत सफल रहा है. हमने 150 देशों को दवाओं की आपूर्ति की और इनमें से 80 देशों को दवाएं अनुदान में दी गईं.
‘मैंने लगवाई को-वैक्सीन’
एस. जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि भारत बायोटेक की को-वैक्सीन को लेकर कई प्रश्न उठे. लेकिन मैं सदन को गर्व से बताना चाहता हूं कि मैंने को-वैक्सीन का ही टीका लगवाया है. इस तरह यह कोवैक्सीन पर उठे सवालों पर यही मेरा जवाब है.
देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर चल रहे प्रचार और विपक्ष के आरोपों को भी विदेश मंत्री ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘देश में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पर्याप्त उपलब्धता है. इसे सुनिश्चित करने के लिए एक सशक्त अधिकार प्राप्त समिति लगातार वैक्सीन उपलब्धता की समीक्षा करती है.’
कोरोना संकट से उबरने के लिए वैक्सीन उपलब्ध करवाकर भारत विश्व के छोटे- बड़े समस्त देशों की सहायता कर रहा है. भारत की ओर से अभी तक 70 से अधिक देशों को कोरोना वैक्सीन के 583.85 लाख डोज़ उपलब्ध करवाई गई हैं.
दूसरी ओर भारत में भी टीकाकरण महा-अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है. भारत में 16 जनवरी से प्रारंभ हुए टीकाकरण अभियान में अभी तक 3.70 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है.