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….. श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य शुभारंभ पर दीवाली का अहसास

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शिमला (विसंकें). श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य शुभारंभ पर हिमाचल में उत्साह देखने को मिला. घरों में दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही लोगों ने आतिशबाजी भी की. शिमला के लोअर बाजार में दुकानों को फूलों से सजाया गया था. 05 अगस्त के कार्यक्रम के पश्चात शिमला शहर में श्रीराम के होर्डिंग्स लगे हैं. अयोध्या में भूमि पूजन के उपरान्त लोगों ने लोअर बाजार में आतिशबाजी की.

शिमला व्यापार मंडल द्वारा प्रसाद वितरण किया गया. शिमला की सूद सभा की ओर से राम मंदिर में विशेष व्यवस्था की गई थी. राम मंदिर में रामचरितमानस का अखंड पाठ रखा गया, तथा शाम को मंदिर परिसर में दीपमाला का आयोजन किया गया.

शिमला के राम मंदिर समिति की समन्वयक सुनंदा ने बताया कि मंदिर में दोपहर 12 बजे प्रसाद बनाकर लोगों में बांटा गया. हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग के चलते मंदिर बंद है, जिस कारण भव्य कार्यक्रम नहीं किया जा सका. गंज बाजार के राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी उमेश नौटियाल ने बताया कि मंदिर में सुंदर कांड का पाठ किया गया. सिरमौर के पांवटा साहिब में लोगों ने आतिशबाजी और पटाखे चलाए और मंदिरों व घरों में दीये जलाए. इस अवसर पर अयोध्या में श्रीराम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कारसेवकों को लोगों ने बधाई दी.

कुल्लू में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होने से भक्तों में खुशी का माहौल देखने को मिला. लड्डू व प्रसाद बांटा गया तो कहीं पर दीयों की रोशनी से गांव जगमगा उठे. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने अपने घरों में दीये जलाए. जिला मुख्यालय के लोअर ढालपुर से राम मंदिर शिलान्यास के कार्यक्रम को लाइव दिखाया गया. लोगों ने खुशी में पटाखे फोड़े, मिठाई व खीर बांटी गई.

बंजार उपमंडल के गांव नागनी के पास हामणी सीता राम मंदिर गुफा में भक्तों ने भगवान राम की आरती उतारी. बड़ी बहन शांता के घर में भी जश्न मनाया गया. कुल्लू जिले के बंजार उपमंडल के बागा में माता को समर्पित माता शांता की विधि विधान से पूजा की गयी. बहुत कम लोगों को जानकारी है कि रामचंद्र जी की एक बड़ी बहन शांता भी रही है. पौराणिक कथाओं के अनुसार उनका विवाह श्रृंगी ऋषि के साथ हुआ था. बंजार की चौहणी कोठी के बागा में स्थित मंदिर में देवी शांता की प्रतिमा उनके पति देवता श्रृंगी ऋषि के साथ विराजमान है. पौराणिक कथाओं के अनुसार विभंडक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि थे. ऋषि विभंडक वही थे, जिन्होंने राजा दशरथ की पुत्र कामना के लिए पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाया था.

देवता के पुजारी मोहर सिंह ने कहा कि घाटी में देवता श्रृंगा ऋषि और माता शांता की पूजा की जाती है. ऋषि के दर्शनों के लिए कुल्लू, मंडी-सराज, शिमला, चंडीगढ़, दिल्ली आदि जगहों से श्रद्धालु हर वर्ष बागी चौहणी कोठी पहुंचते हैं.

बिलासपुर में भी दीवाली जैसा माहौल रहा. लोगों ने पटाखे चलाकर और मिठाई बांटकर प्रसन्नता व्यक्त की. श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य के आगाज पर मणिमहेश एवं संतोषी माता मंदिर कमेटी लदरौर ने जश्न मनाया.

कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर पुराना कांगड़ा में त्रिगर्त दिव्य योग आश्रम, भागवत प्रचार समिति ने राम, सीता और हनुमान की झांकी के साथ प्रभात फेरी निकाली. पूरे शहर में भ्रमण उपरांत झाड़ू महादेव मंदिर में दीपक जलाकर और लड्डू बांट कर स्थानीय लोगों ने मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने पर बधाई दी.

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