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शिक्षा आम जनता के लिए होनी चाहिए – सीताराम व्यास

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फरीदाबाद. कोरोना वैश्विक महामारी में अनेक तरह की परेशानियों का सामना समाज कर रहा है. कोरोना के प्रकोप से शिक्षा क्षेत्र सर्वाधिक रूप से प्रभावित है. विद्यार्थी शिक्षा समाज व राष्ट्र की प्रगति का एक मूल आधार स्तंभ है. वर्तमान में शिक्षा पद्धति में संसाधनों व तकनीक की समस्या के कारण विद्यार्थी को शिक्षा संबंधित अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा. ऐसे विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित न हो और कोई भी विद्यार्थी किसी भी विषय का शिक्षक न मिलने के कारण अपने आपको शिक्षा से वंचित न समझे. इसी के निमित्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हरियाणा प्रांत में विवेकानंद ई- लर्निंग गुरुकुल का शुभारंभ किया है.

संघ द्वारा संचालित विद्यार्थी शिक्षा सेवा आयाम का मूलमंत्र होगा – ‘कोरोना से न डरेंगे, हर हाल में पढ़ेंगे’. इसमें कोरोना शिक्षक योद्धा की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. जिसमें कक्षा छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों हेतु अपने-अपने स्थान पर प्रत्यक्ष कक्षा और कक्षा 9 से 12 तक के सभी संकाय के विद्यार्थियों को विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, राजनीतिक विज्ञान, गणित, अंग्रेजी सहित अन्य विषयों की ऑनलाइन पढ़ाई होगी.

युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा विवेकानंद ई- लर्निंग गुरुकुल का शुभारंभ किया गया है. जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में क्षेत्र संघचालक सीताराम जी व्यास का उद्बोधन प्राप्त हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर ऋषि गोयल, निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा की गई. वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता सीताराम जी व्यास ने कहा कि संकटकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की योजना-रचना से शुरु किए गए विवेकानंद ई-लर्निंग गुरुकुल बहुत ही प्रशंसनीय है. भावी पीढ़ी बिना अवरोध के निरंतर ज्ञान प्राप्त करती रहे. यही गुरुकुल के अंतर्गत गुरु-शिष्य के संबंध की व्याख्या है. उन्होंने लघु कथाओं और प्रसंग संस्मरण के माध्यम से गुरुकुल की परिभाषा अभिव्यक्त करते हुए संवेदना और संस्कार को शिक्षा का महत्वपूर्ण तत्व बताया. विद्यार्थियों के लिए देशभक्ति का भाव जागृत कर उसे आचरण में लाना, कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करना, स्वच्छता के प्रति जागरूक रहना आवश्यक बताया. जैसे सीमा पर सैनिक, खेत में  किसान, प्रशासन का सेवाभाव वैसे ही विद्यार्थी का कक्षा में और शिक्षक के शिक्षण कार्य में कार्यरत रहने से ही देश भक्ति जागृति संभव है. देश के स्वावलंबन के लिए विद्या दान आवश्यक है.

कोरोना शिक्षक योद्धा निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका

विद्यार्थी शिक्षा सेवा आयाम में शिक्षक कोरोना योद्धा के रूप में प्रत्येक जिला केंद्र से अध्यापकों की सूची तैयार की गई है. शिक्षा सेवा केंद्र में दसवीं कक्षा, ग्यारहवीं, बारहवीं, बीएड, जेबीटी, स्नातकोत्तर विद्यार्थी, अध्यापक, सेवानिवृत अध्यापक, ज्वाइन आरएसएस की सूची, कॉलेज विद्यार्थी कार्य से जुड़े स्वयंसेवक और राष्ट्र सेविका समिति के साथ मिलकर माताओं और बहनों को भी इस कार्य से जोड़ा गया है. 9 से 12वीं कक्षाओं को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए 120 शिक्षकों ने और शिक्षण प्राप्त करने वाले 1400 विद्यार्थियों ने गूगल फार्म पर पंजीकरण कराया है.

 

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