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शिवाजी महाराज को विदेशी आक्रांता दबा नहीं सके, लेकिन इतिहासकारों ने दबा दिया – दत्तात्रेय होसबाले जी

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नई दिल्ली. छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हिंदवी स्वराज स्थापना दिवस महोत्सव का आयोजन 17 जनवरी, 2024 को दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में किया गया. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी मुख्य अतिथि तथा लेखक एवं अधिवक्ता जे साई दीपक जी अध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे.

कार्यक्रम में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि हमारे सभी महापुरुष समस्त समाज के हैं. जैसे शिवाजी महाराज ने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना करके इस देश के धर्म एवं राष्ट्रीयता की रक्षा की, उसका पुनर्जागरण किया. इसी प्रकार किसी भी क्षेत्र के, किसी भी भाषा के महापुरुष, जिन्होंने राष्ट्र, धर्म, संस्कृति के लिए कार्य किया, अथवा धार्मिक क्षेत्र में, सांस्कृतिक क्षेत्र में; इसी प्रकार का कार्य किया, उनको किसी न किसी रूप से प्रांत एवं भाषा के साथ जोड़कर उनकी महानता को संकुचित करने का बहुत ही दोषपूर्ण कार्य हो गया है. इस कारण महापुरुषों को, विभूति पुरुषों को, राष्ट्र नायकों को छोटी पहचान से इतिहास में रख दिया.

सरकार्यवाह जी ने कहा कि शिवाजी महाराज भी इस तरह की क्षेत्रीयता का थोड़ा सा शिकार बने. शिवाजी महाराज को उस समय के धर्म विरोधी, राष्ट्र विरोधी विदेशी आक्रान्ता कुचल नहीं सके, उनको हरा नहीं सके. लेकिन इतिहासकारों ने उनको कुचल दिया. हमारी संकुचित भावना ने उनको हरा दिया. शिवाजी महाराज एक संगठन, एक नेतृत्व देने वाले राजर्षि थे.

इस अवसर पर जे साईं दीपक जी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ऐसे शासक हुए, जिन्होंने हिंदवी स्वराज की नींव डालकर भारतीयों को स्वतंत्रता के लिए उत्साहित किया.

कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और राज्याभिषेक पर एक लघु नाटक तथा लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम स्थल पर छत्रपति शिवाजी महाराज के गौरवपूर्ण शासन काल तथा दिल्ली में हिंदवी और मराठा साम्राज्य को दर्शाती प्रदर्शनी भी लगाई गई थी.

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