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सार्वजनिक गणेशोत्सव – कोरोना कालखंड में भी सेवा कार्य की अखंड परंपरा….!

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मुंबई (विसंकें). लोकमान्य तिलक जी ने स्वाधीनतापूर्व काल में धार्मिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय जनजागरण का उद्देश्य सामने रखकर सार्वजनिक गणेशोत्सव का प्रारंभ किया. गणेशोत्सव को प्रचार का प्रभावी माध्यम बनाकर समाज संगठित होगा, उनके मन में राष्ट्रीय एकात्मता की भावना बढ़ने लगेगी और राष्ट्रीय अस्मिता का जागरण होगा, सार्वजनिक गणेशोत्सव के आयोजन के पीछे यह मुख्य उद्देश्य था. स्वाधीनता संग्राम में लोग सहभागी हो जाएं, इनका सक्रिय सहभाग आन्दोलन में हो. लोगों ने उत्स्फूर्त प्रतिसाद भी दिया. लोकमान्य तिलक जी की प्रेरणा से शुरू हुए सार्वजनिक गणेशोत्सव के कारण स्वाधीनता संग्राम को नई दिशा मिली. भारतीय स्वाधीनता संग्राम में सार्वजनिक गणेशोत्सव की भूमिका असाधारण रही, समाज संगठित हुआ. आज हम सब कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं. ऐसी कठिन स्थिति में भी लोगों में वैसी ही एकजुटता दिखाई दे रही है.

कई बार समाज पर, राष्ट्र पर संकट छा जाता है, तब सभी भेद भुलाकर मानवता निभाना आवश्यक होता है. और यह किसी के कहने पर नहीं, बल्कि स्वयंप्रेरणा से होना चाहिए. समाज के निचले स्तर के व्यक्ति को संकट से बचाना हमारा कर्तव्य है. गणेशोत्सव मंडलों ने संकट के समय सामाजिक जिम्मेदारी को निभाया है. लोकमान्य तिलक की इच्छा के अनुसार सामाजिक प्रबोधन गणेश मंडलों द्वारा किया जा रहा है. सेवा परमो धर्म: के व्रत को पूरा कर रहे हैं.

पुणे के प्रसिद्ध दगडूशेठ हलवाई गणेशोत्सव मंडल द्वारा लॉकडाऊन के काल में आर्थिक संकट का सामना करने वाले १५ हजार गरीबों को एक महीने का राशन दिया गया. ट्रस्ट के पास अपने आठ एंबुलेंस हैं, वह भी रुग्णसेवा के लिए लगा दी गयी. पुणे का कसबा गणपति. कसबा गणेशोत्सव मंडल द्वारा हर रोज ५०० से ८०० लोगों को पेयजल और खाना दिया गया. एवं संस्था द्वारा मास्क, पीपीई किट का भी वितरण किया गया. मंडल के निलेश वकील ने विश्व संवाद केंद्र को उपरोक्त जानकारी दी. तांबडी जोगेश्वरी गणेशोत्सव मंडल ने मंडल से संबंधित कारीगर, बैंड वादक, नगाड़ा वादक, इलेक्ट्रीशियन आदि सभी लोगों को राशन का वितरण किया. ट्रस्ट के अध्यक्ष राजाभाई ठकार ने जानकारी दी. गुरूजी तालीम मंडल ने लॉकडाऊन के काल में राशन का वितरण, पुलिस कर्मियों को मास्क एवं सेनेटाइजर का वितरण, रक्तदान शिविर आदि उपक्रम चलाए. अखिल मंडई गणेशोत्सव मंडल ने विविध सामाजिक घटकों के लिए राशन का वितरण किया. इसमें पंडाल लगाने वाले लोग, कारीगर आदि शामिल थे.

लालबागचा राजा गणेशोत्सव मंडल के अध्यक्ष बालासाहेब काम्बले ने कहा, ट्रस्ट द्वारा ‘जनता क्लिनिक’ अंतर्गत थर्मल स्क्रीनिंग किया गया एवं ऑक्सीजन वैन कोरोना कालखंड में उपलब्ध करवाई गयी. क्षेत्र के नागरिकों की वैद्यकीय जांच, उनके लिए दवाइयों की उपलब्धता एवं समुपदेशन किया गया. गणेशगल्ली के लालबाग सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल द्वारा मुख्यमंत्री सहायता निधि को पांच लाख रुपये की राशि दी. रक्तदान अभियान चलाया गया. कुल ३५० लोगों ने अभियान में रक्तदान किया. सेनेटाइजर डिस्पेंसर का वितरण किया गया. तेजुकाया सार्वजनिक गणेशोत्सव ट्रस्ट द्वारा प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री राहत कोष में राशि प्रदान की. मुंबई महापालिका के फ्रंटलाइन वर्कर के लिये फेस शील्ड, १०० परिवारों को राशन, २४ घंटे ऑन ड्यूटी पुलिसकर्मियों के लिए पेयजल एवं अल्पाहार वितरण, पुलिस गाड़ियों का निर्जन्तुकीकरण, कोरोना रुग्णों के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर आदि की व्यवस्था की गयी. मुंबई के फेरबन्दर सार्वजनिक मंडल के कार्यकर्ताओं द्वारा क्षेत्र में जरूरतमंद लोगों के भोजन की व्यवस्था की गयी. हर रोज कुल २०० लोगों को खाने का वितरण किया गया. कार्यकर्ताओं द्वारा ही व्यवस्था का खर्च वहन किया जा रहा है.

किंग्स सर्कल के जीएसबी सेवामंडल ने २७ मार्च से २० जून तक गरीबों को १४ लाख फ़ूड पैकेट्स का वितरण किया. ‘संकटमुक्त आर्थिक सहकार’ योजना द्वारा १५०० लोगों को ७५ लाख रुपयों का वितरण किया गया. आजाद नगर सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल द्वारा पांच लाख ग्यारह हजार रुपये की राशि शासन को प्रदान की गयी.

श्री गणेशोत्सव मंडल लोकमान्य गल्ली ठाणे का ट्रस्ट प्रत्यक्ष सहभागी नहीं हो सका. परन्तु इस ट्रस्ट के बहुतांश सदस्य संघ के स्वयंसेवक है. स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न सेवा कार्य चलाए जा रहे हैं. विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा ‘हिन्दू जागृति न्यास’ की स्थापना की गयी. हिन्दू जागृति गणेशोत्सव मंडल का उत्सव संस्था का ही एक कार्यक्रम है. लॉकडाऊन के कालखंड में हर रोज २०-२५ लोगों को भोजन दिया गया. वृद्धों को सब्जी-तरकारी, दूध, दवाइयां घर पर ला कर दी गयी. कम्युनिटी किचन द्वारा ३००-४०० लोगों को भोजन का प्रबंध किया गया. गरीब लोगों को पैसे की सहायता की गयी. संघ के माध्यम से ट्रस्ट के ८-१० सदस्य कोरोना योद्धा बनकर काम कर रहे हैं.

रत्नागिरी, दापोली के ‘मानाचा गणपति सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल’ ९२ साल से कार्यरत है. मंडल के कार्यकर्ता १९ मार्च से आज तक सेवा कार्य कर रहे है. ५००-६०० लोगों को राशन दिया गया. मास्क, सेनेटाइज़र का वितरण, निःशुल्क कार्डियाक एंबुलेंस सेवा, दवाइयां, डॉक्टर्स की उपलब्धता आदि कार्य ट्रस्ट द्वारा किये गए. ३ जून को निसर्ग चक्रवात के कारण क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ. ट्रस्ट द्वारा प्रभावितों की सहायता की गई.

अमरावती के श्रीराम गणेशोत्सव मंडल द्वारा २६ मार्च से कोरोना के कारण त्रस्त लोगों को, श्रमिकों को, मजदूरों को, निर्वासितों को, पुलिस कर्मियों को रोज नाश्ता एवं भोजन बाँटा गया. रोज ४०० लोगों को नाश्ता, ६००-७०० लोगों को खाना वितरिक किया. सोलापुर के सार्वजनिक मध्यवर्ती गणेशोत्सव मंडल द्वारा कोरोना रुग्णों के लिए बेड उपलब्ध कराए गए.

ऐसे अनेक मंडलों ने सेवा, सामाजिक जागृति और एकता का संदेश देकर सार्वजनिक गणेशोत्सव का महत्व एवं उपयुक्तता सिद्ध की. उत्सव की फलश्रुति के बारे में तिलक जी ने कहा था, संकट समय में एक-दूसरे को उपदेश, पैसा, सलाह, ज्ञान आदि की मदद करना, वैसा प्रयास करना आवश्यक है. जिस कारण से सब का संबंध जुड़ जाए, वह करना अपना आद्य कर्तव्य है. ऐसे स्पष्ट शब्दों में तिलक जी ने स्वयं ही गणेशोत्सव के बारे में भूमिका रखी थी. आज हमारे गणेशोत्सव मंडल उनके दिखाए मार्ग पर चल रहे है. उनका यह कार्य प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय है.

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