नई दिल्ली. सर्वोच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर का मामला वाराणसी के जिला जज को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने कहा कि मामले को उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा के अनुभवी न्यायिक अधिकारी को सुनवाई के लिए दिया जाए. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पी एस नरसिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई की.
ज्ञानवापी पर सुनवाई के दौरान आज सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि 17 मई का आदेश अगले 8 हफ्तों के लिए जारी रहेगा. गर्मियों की छुट्टियों के बाद जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई करेगा. सीनियर डिवीजन सिविल जज के यहां दोनों पक्षों ने जो भी अर्जी दायर की है, उस पर भी डिस्ट्रिक्ट जज विचार करेंगे.
शिवलिंग को सील करने और नमाज पढ़ने के लिए प्रवेश करने से नहीं रोकने का आदेश अगले आठ हफ्ते तक जारी रहेगा. आठ हफ्ते में डिस्ट्रिक्ट जज मस्जिद प्रबंधन कमेटी की उस अर्जी पर फैसला लेंगे, जिसमें हिन्दू पक्ष की याचिका को खारिज करने की मांग की गई है.
संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया था कि मस्जिद के अंदर जिस स्थान पर ‘शिवलिंग’ पाया गया है, वह सुरक्षित किया जाए.
कोर्ट ने आज आदेश दिया,
दीवानी मुकदमे में शामिल जटिलताओं और संवेदनशीलता के संबंध में हमारा विचार है कि न्यायाधीश, वाराणसी के समक्ष मुकदमे की सुनवाई उत्तर प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा के एक वरिष्ठ और अनुभवी न्यायिक अधिकारी के समक्ष की जानी चाहिए. हम तदनुसार आदेश देते हैं कि सिविल सूट जिला न्यायाधीश वाराणसी को स्थानांतरित किया जाएगा और सभी अंतःक्रियात्मक आवेदन स्थानांतरित हो जाएंगे.