बेंलगुरु. बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो-2021 के दूसरे दिन गुरुवार को रक्षा मंत्रियों के कॉन्क्लेव भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की मिसाइल प्रणालियों, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) और अन्य हथियार प्रणालियों सहित मिसाइलों, हेलीकाप्टरों, टैंकों और आर्टिलरी गनों की आपूर्ति करने के लिए तैयार है.
भारत विभिन्न प्रकार के मिसाइल सिस्टम, एलसीए हेलाकॉप्टर, युद्धपोत और पेट्रोलिंग जहाज, टैंक, रडार, सैन्य वाहन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली आइओआर देशों को सप्लाई करने के लिए तैयार है. उन्होंने प्रोजेक्ट मौसम, सागरमाला और एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर की बात करते हुए कहा कि भारत ने इन प्रोजेक्ट्स द्वारा हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा दिया है. भारत समुद्र में पड़ोसी देशों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहता है.
रक्षामंत्री ने कहा कि कोरोना काल में भी ऑपरेशन सागर-1 के माध्यम से हमने अपने पड़ोसी देशों मॉरीशस, मालदीव, मेडागास्कर, सेशेल्स और कोमोरोस तक चिकित्सा टीमों, एचसीक्यू, रेमेडिसविर और पेरासिटामोल पहुंचाई. भी देश तालमेल बनाकर क्षेत्र में सुरक्षा के साथ-साथ अर्थ-व्यवस्था, व्यापार, नौसैनिक सहयोग को भी उच्च स्तर तक ले जा सकते हैं. भारत क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता की भूमिका निभा सकता है क्योंकि इस क्षेत्र में भू-राजनीतिक तौर पर वह विश्वसनीय भागीदार है.
वायुसेना को पहला तेजस मार्च, 2024 में मिलेगा
हिंदुस्तान एयरोनाटिकल्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन आर. माधवन ने बताया कि वायुसेना को पहला एलसीए तेजस मार्च, 2024 में सौंपा जाएगा. करार के मुताबिक अब से 36 महीने बाद यह आपूर्ति की जाएगी. पहले साल में दो विमानों की आपूर्ति होगी और आगे चलकर छह सालों में 16 तेजस विमान दिए जाएंगे. इस बीच वायुसेना ने पायलटों की प्रशिक्षण के लिए एचएएल से हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर (एचटीटी-40) के कोटेशन मांगे हैं.
भाजपा के सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि तेजस बेंगलुरु का गौरव है. दुनिया के केवल कुछ शहरों को ही विश्वस्तरीय युद्धक विमान बनाने का गौरव हासिल है. तेजस के आने से आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को मजबूती मिलेगी.