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भारतीय संस्कृति ही पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधे हुए है – रामकुमार वर्मा

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प्रयागराज. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश सह क्षेत्र संघचालक रामकुमार वर्मा ने कहा कि देश एक बार फिर से आंतरिक एवं बाह्य चुनौतियों का सामना कर रहा है. स्वतंत्रता से पहले जिस तरह की चुनौती थी, लगभग वैसी ही चुनौतियां इस समय भी हैं. भारत के पुनः बंटवारे का सपना देखने वाली ताकतों को पोषित करने वाले इस देश के भीतर ही छिपे हैं. समय रहते इनको पहचानने की आवश्यकता है. कुछ लोग इनको खुला प्रश्रय दे रहे हैं. आतंकियों और पत्थरबाजों की चुनौती का भी देश सामना कर रहा है.

रामकुमार जी नैनी स्थित माधव ज्ञान केन्द्र इंटर कॉलेज में संघ शिक्षा वर्ग – प्रथम वर्ष (सामान्य) के समापन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने आह्वान किया कि राष्ट्रहित में उठाए गए कदमों का विरोध करने वाली तथा दंगा कराने वाली ताकतों को पहचानकर उन्हें रद्दी की टोकरी में फैंकने का काम करें. देश को अस्थिर करने वाली शक्तियां अपना खेल जम कर खेल रही हैं. देश वैचारिक चुनौतियों का भी सामना कर रहा है. शहरी नक्सली बड़े ही सुनियोजित ढंग से राष्ट्रीयता और प्राचीन संस्कृति के बारे में भ्रम फैला रहे हैं. चिरंतन काल से यहां एक संस्कृति की अजस्र धारा प्रवाहित हो रही है, जिसे भारतीय संस्कृति या हिन्दू संस्कृति के नाम से पूरी दुनिया जानती है. यही संस्कृति पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधे हुए है.

इस संस्कृति की धारा में बंधे लोग देश के तीर्थ, महापुरुषों के प्रति समान रूप से श्रद्धा रखते हैं तथा भारत माता को अपनी माता मानते हैं. देश में अलग-अलग समूह के रूप में रहने वाले लोगों की उपासना पद्धति भले ही अलग हो सकती है, किन्तु सभी के पुरखे तो एक ही हैं. सब के पूर्वज हिन्दू हैं. हिन्दू राष्ट्रीयता का बोधक है.

समय की मांग है कि हर तरह का अहंकार भूलकर सामाजिक समरसता से देश को मजबूत बनाएं. लार्ड मैकाले की शिक्षा को छोड़कर स्वावलंबी एवं देशभक्त बनाने वाली शिक्षा ग्रहण करें. संपूर्ण मानव कल्याण के लिए हिन्दुत्व को बढ़ाएं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि महर्षि अरविंद का संकल्प व स्वप्न पूरा होगा.

समारोह के अध्यक्ष रज्जू भैया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश सिंह ने कहा कि यहां प्राप्त प्रशिक्षण का लाभ समाज को पहुंचाएं. समाज को भी संगठित और अनुशासित करें. असली ताकत नेतृत्व में नहीं, उन लोगों के पास होती है जिनका वह नेतृत्व करता है. संघ में सेवा अनुशासन एवं समर्पण का गजब का भाव है, देश इसी से आगे बढ़ेगा. अपने प्रशिक्षण का उपयोग बेहतर मानव बनाने हेतु करें.

मंच पर प्रांत संघचालक डॉ. विश्वनाथ लाल निगम जी, वर्ग अधिकारी रमेश जी उपस्थित थे‌. वर्ग कार्यवाह हरीश जी ने बताया कि वर्ग में 300 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. इनमें छात्र, कृषक, शिक्षक, व्यवसायी तथा पूर्णकालिक कार्यकर्ता सम्मिलित रहे.

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