क्रिश्चियन मिशनरियों द्वारा भारत के विभिन्न हिस्सों में षड्यंत्र के तहत बड़े पैमाने पर मतांतरण का खेल खेला जा रहा है. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, केरल, छत्तीसगढ़, पूर्वोत्तर के राज्य और कर्नाटक मुख्य रूप से निशाने पर हैं. मिशनरी मतांतरण करवाने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन, आर्थिक सहायता, उपचार के नाम पर सहायता का ढोंग करने से लेकर, अंधविश्वास तक का सहारा लेते हैं.
पिछले दिनों पंजाब के एक गांव को वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें मतांतरण के उद्देश्य से घूम रही टोली को जागरूक गांव वासियों ने भगा दिया था.
इसी क्रम में कर्नाटक के बेलगावी से मतांतरण की साजिश की घटना सामने आई है. जानकारी के अनुसार कर्नाटक के बेलगावी जिले के मराठा कॉलोनी में ईसाई मिशनरियों के एक गिरोह द्वारा योजनाबद्ध तरीके से मतांतरण करवाए जाने का मामला सामने आया है.
दावा किया जा रहा है कि मराठा कॉलोनी स्थित एक ‘आवासीय परिसर’ में चलाए जा रहे मतांतरण केंद्र में बड़े पैमाने पर मतांतरण को अंजाम दिया जा रहा है.
जानकारी मिलने के बाद अब स्थानीय हिन्दू समुदाय ने विरोध प्रदर्शन कर रविवार को इस आवासीय परिसर का घेराव किया गया. लोगों का कहना था कि यहां लगभग 200 से अधिक लोगों को मतांतरण करने के लिए रखा गया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि आर्थिक दृष्टिकोण से पिछड़ी हुई पृष्ठभूमि की महिलाओं सहित बच्चों को भी मतांतरण के उद्देश्य से यहां रखा गया है.
लोगों का कहना है कि ईसाई मिशनरियों द्वारा आवासीय परिसर में प्रार्थना सभा के नाम पर लोगों को बुलाकर उन्हें आर्थिक रूप से सहायता देने का लालच देकर, बहला-फुसलाकर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है.
रविवार को इस प्रकरण पर विरोध बढ़ता देख ईसाई मिशनरी वहां से रफूचक्कर हो गए. ईसाई मिशनरियों के भाग जाने की सूचना मिलने के बाद गुस्साए लोगों ने परिसर में उपस्थित लोगों को कमरे में बंद कर पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद बेलगांव पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर घटना की सघनता से जांच करने का आश्वासन देते हुए विरोध प्रदर्शन समाप्त करवाया.
ज्ञात हो कि कर्नाटक में पिछले कुछ वर्षों से ईसाई मिशनरियों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से मतांतरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. मतांतरण गिरोहों की सक्रियता को देखते हुए अभी हाल ही में विधायक शेखर के नेतृत्व में मतांतरण को लेकर विधायी समिति ने चर्च व मिशनरी का सर्वे करवाने का निर्णय लिया था.
विधायी समिति की बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया था कि कर्नाटक के सभी पंजीकृत और गैर पंजीकृत चर्च की सूची तैयार की जाए. साथ ही प्रदेश में अवैध रूप से मतांतरण को बढ़ावा दे रहे मिशनरियों के गिरोह की पहचान कर मतांतरण रोकने के प्रयासों को तेज करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया था.