केरल सरकार पर भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोप लगते रहे हैं. उनमें से अनेक चर्चित हुए हैं. वहीं, अब लोकायुक्त ने केरल के मंत्री केटी जलील को भाई-भतीजावाद, सत्ता के दुरुपयोग के मामले में दोषी पाया है और उन्हें पद छोड़ने के लिए कहा है. लोकायुक्त की रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्ता के दुरुपयोग, पक्षपात, भाई-भतीजावाद और ओथ ऑफ ऑफिस के उल्लंघन के आरोपों में दोषी पाने के बाद उन्हें मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में पद पर बने नहीं रहना चाहिए.
लोकायुक्त न्यायमूर्ति साइरिक जोसफ और उप लोकायुक्त हरुल उल राशिद की रिपोर्ट कृषि मंत्री के खिलाफ एक शिकायत पर आधारित है. उन्होंने कहा कि जलील ने अपने रिश्तेदार केटी अदीब को केरल अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम लिमिटेड में महाप्रबंधक नियुक्त करने के लिए अपने कार्यालय का दुरुपयोग किया.
लोकायुक्त ने रिपोर्ट में कहा कि कॉरपोरेशन में जनरल मैनेजर की पोस्ट के लिए योग्यता को भी बदला गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लोकायुक्त ने आगे की कार्रवाई के लिए अपनी रिपोर्ट केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पास भेज दी है.
लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने मंत्री से तत्काल इस्तीफा मांगा है. विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि उन्हें सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री को उन्हें हटा देना चाहिए.
मंत्री सोशल मीडिया पर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि मामले को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है और वह कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद फैसला लेंगे. पूर्व राज्यपाल जस्टिस सदाशिवम और उच्च न्यायालय ने दो साल पहले याचिका खारिज कर दी थी. मैं अपने वकीलों से सलाह लेने के बाद निर्णय लूंगा.