गोरक्ष. सरस्वती शिशु मन्दिर पक्कीबाग गोरखपुर में आज नव चयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के सातवें दिन प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि डॉक्टर पृथ्वीराज सिंह जी (प्रान्त संघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रान्त) ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्यक्ति को शारीरिक, प्राणिक, मानसिक, आध्यात्मिक, बौद्धिक एवं राष्ट्र सेवा की प्रेरणा देने वाला संगठन है. कोई भी व्यक्ति कोई काम इसलिए नहीं करता है कि वह काम सही है, बल्कि इसलिए करता है कि एक समूह के अच्छे लोग कर रहे हैं. स्वयंसेवक के जो गुण होते हैं, उससे उनको प्रतिष्ठा मिलती है. कभी-कभी हमारे अंदर दुविधा आ जाती है, परंतु संगठन के श्रेष्ठ व्यक्ति जब हमें बताते हैं तो हमारी दुविधा समाप्त हो जाती है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लोगों को प्रेरणा मिलती है. पूज्य डॉक्टर हेडगेवार जी ने कहा था कि आप आदर्श की प्रतिमूर्ति बनें, तभी आपको सम्मान मिलेगा. डॉक्टर हेडगेवार जी एक शोषण मुक्त एवं निर्दोष समाज की संरचना करना चाहते थे. इस संगठन में समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि व्यक्ति के अंदर विभिन्न प्रकार के नवीनतम गुण आ सकें.
आदर्श स्वयंसेवक के गुण के विषय में कहा कि संघ के स्वयंसेवक से जो कुछ कहा जाता है, वह उसे पूर्ण करता है. स्वयंसेवक दायित्व को छोड़ता है, कार्य को नहीं. संघ हमें सिखाता है कि जहां पैदा हुए हैं, वहां की जमीन, संस्कृति, सभ्यता, समाज के प्रति समर्पण भाव होना चाहिए. राष्ट्र के लिए व्यक्तिगत लाभ को छोड़ देना चाहिए. समरसता का भाव पैदा होना चाहिए. हम नेतृत्व करने वाले बनें. कोई भी काम करने के लिए हमें निःस्वार्थ भाव से तैयार रहना चाहिए. व्यक्ति में संयम होना चाहिए, निराश नहीं. व्यक्ति से ज्यादा कार्य को महत्व देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि संघ में निर्मोही होकर काम करते हैं. सेवा, समर्पण, जन जागरण, गौ सेवा, पर्यावरण संरक्षण, परिवार प्रबोधन आदि की दिशा में संघ कार्य कर रहा है. सहयोगी संगठनों व उनके उद्देश्यों व कार्यों की भी चर्चा की. उन्होंने संस्कृत भारती, आरोग्य भारती, सहकार भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, किसान संघ, अधिवक्ता परिषद, भारतीय मजदूर संघ, विद्या भारती, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी आदि संगठनों के विषय में संक्षिप्त चर्चा की.