मंदिर निर्माण के लिए 4 लाख गांवों के 11 करोड़ से अधिक परिवारों से लेंगे सहयोग
राज्य सरकारों से धर्म स्वतंत्रता विधेयक लाने की मांग
पालघर में संतों की हत्या की सी.बी.आई. से जांच की मांग
नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल में मौजूद सभी संतों ने पूरे विश्व के हिन्दू समाज से भव्य श्री राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग की अपील की. उसके साथ ही लव-जिहाद और धर्म परिवर्तन की आड़ में हिन्दू बेटियों से हो रहे छल को समाप्त करने के लिए राज्य सरकारों से धर्म स्वतंत्रता विधेयक लागू करने के लिए प्रस्ताव पारित किया. इसके अलावा संतों ने पालघर में संतों की निर्मम हत्या की सी.बी.आई. जांच की मांग तथा विश्व हिन्दू परिषद द्वारा घर वापसी जैसे जनजागरण अभियान चलाने के लिए भी प्रस्ताव पारित किए.
बुधवार को पत्रकार वार्ता में विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल का अधिवेशन संपन्न हुआ है. केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संतों ने कुछ प्रस्ताव पास किए हैं, उनमें पहला प्रस्ताव पूरे विश्व से श्री राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग का आह्वान किया गया है. इस अह्वान के साथ ही देश का संत समाज अगले 15 जनवरी मकर संक्रांति से पूरे देश के 4 लाख गांवों में रहने वाले 11 करोड़ से अधिक परिवारों से श्री राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग प्राप्त करेगा.
संतों का मानना है कि हाल ही में हरियाणा राज्य के बल्लभगढ़ में लव-जिहाद की घटना और उससे भी पहले वर्षों से जारी प्रक्रिया का मूल मकसद धर्मांतरण है. इसलिए संतों ने प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकारों से आह्वान व आग्रह किया कि धर्म स्वातंत्रय विधेयक लेकर आए. जैसे मध्यप्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड में ये विधेयक लागू हैं और हाल ही में ऐसे ही विधेयकों को लागू करने की घोषणा उत्तर प्रदेश, असम, कर्नाटक और केरल की राज्य सरकारों द्वारा की गई है. उनका मानना है कि किसी भी प्रकार के धर्म परिवर्तन के मामले में सरकार एक महीने के अंदर जांच करे कि वे किसी लालच, छल या घृणित मानसिकता के चलते तो धर्म परिवर्तन नहीं कर रहा है. अथवा उस धर्मातरण के पीछे कोई छिपा हुआ एजेंडा तो नहीं है. उनका मानना है कि धर्मपरिवर्तन का एक ही एजेंडा है, जो हमें फ्रांस में भी देखने को मिल रहा है. आई.एस.आई जैसे संगठनों को इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि ये वहाबी प्रवृतियों से धरती पर उपद्रव और आंतक का फैलाए हुए हैं.
संतों ने धर्मपरिवर्तन कर अन्य धर्मों में गए हिन्दू परिवारों को उनके गोत्र और धर्म में वापस लाने के लिए घर वापसी अभियान चलाने का प्रस्ताव पारित किया है. स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि कोरोना काल में महाराष्ट्र के पालघर में संतों की हत्या से पूरा संत समाज विचलित है और पूरा हिन्दू समाज त्रस्त है. वे संत उनके ही संत परिवार से थे और उन्हें स्वामी जी ने ही दीक्षा दी थी. बताते हैं इस मामले में जांच से पहले ही सरकार कहने लगी कि वहां कोई बच्चा चोरी की घटना हुई थी. जिसके कारण संतों को बच्चा चोर समझ कर यह कृत्य किया गया. वास्तविकता ये है कि कोरोना काल में लॉकडाउन और हर नियम कानून का संतों ने पालन किया है. इसलिए अब हम पालघर में संतों की हत्या के मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हैं. वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार द्वारा सभी आरोपियों को छोड़ दिया गया है, उनमें से कुछ आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है.
स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सभी संतों ने केंद्र सरकार द्वारा श्री राम मंदिर निर्माण के लिए मौजूदा केंद्र सरकार की तत्परता और विशेष रूप से देश के मुकुट जम्मू-कश्मीर राज्य से धारा 370 और 35-ए की समाप्ति कर हिन्दू हितों की रक्षा के लिए भी आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद् के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार भी उनके साथ उपस्थित रहे.