मुंबई. केंद्र शासित राज्य लक्षद्वीप के सभी विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र २ ०२१-२२ से अब साप्ताहिक अवकाश रविवार को होगा जो पहले शुक्रवार को हुआ करता था. इस निमित्त शिक्षा विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं. नए निर्देशों के अनुसार, सभी कक्षाएं सुबह साढ़े नौ बजे से साढ़े बारह बजे तथा अपराह्न डेढ़ बजे से साढ़े चार बजे तक होंगी. शिक्षकों को सुबह ९ बजे विद्यालय पहुंचना होगा. वर्ग १ से ५ तक के बच्चों के बेहतर शारीरिक – मानसिक- सामाजिक विकास के लिए शिक्षा विभाग ने पढ़ाई को रोचक बनाने हेतु प्रसन्नता व रोचक विधि में लाने का आदेश दिया है. नित्यदिन पहला वर्ग प्रसन्नता का होगा. एनईपी-२०२० को ध्यान में रखते हुए आधुनिक पठन -पाठन पर बल दिया गया है, जिसमें शारीरिक -स्वास्थ्य ,कला व कार्य को विद्यालयीन शिक्षा में सम्मिलित किया गया है. प्रशासन की ओर से 17 दिसंबर को इस संबंध में आदेश जारी किया गया है.
स्थानीय सांसद मोहम्मद फैजल ने बताया कि लक्षद्वीप भारत का अंग है, इसलिए इसको भारतीय प्रशासन पद्धति के प्रमाणकों के अनुरूप समायोजित किया गया है. सात दशक पूर्व जब यहाँ विद्यालय शुरू किये गए थे तो शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश एवं शनिवार को आधे दिन पढ़ाई होती थी. विद्यालयों का आरोप था कि बिना जिला परिषद् की सहमति के यह निर्णय उन पर थोपा गया था.
प्रशासन के अनुसार, “उपलब्ध संसाधनों के पूर्ण उपयोग और समय के कुशल उपयोग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.”
मई में भी लक्षद्वीप में इसी तरह के प्रशासनिक बदलाव किए गए थे. उस समय भी राजनीति के कारण कुछ लोगों ने विरोध किया था. तब भी इस तरह की राजनीति करने की कोशिश की गई थी. अब कांग्रेस सहित अन्य विरोधी इसका विरोध कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता तुष्टीकरण की नीति पर चल रहे हैं. इससे पहले पंचायत चुनाव के दौरान दो संतान नियम, बीफ की अवैध बिक्री, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शराब की बिक्री जैसे मुद्दे भी उठाये गए थे.