रविन्द्र भवन में व्याख्यान एवं लाइट – साउंड कार्यक्रम का आयोजन
भोपाल. श्री गुरु तेगबहादुर जी को अपनी स्मृति में लाने का अर्थ भारत के 400 वर्षों को याद करना है. भारतीय विरासत, भारतीय दर्शन, भारतीय चिंतन पर पुनर्विचार करना है. एशिया के समाजशास्त्री, इतिहासकार गुरु तेगबहादुर साहब को अपने अध्ययन में रखकर कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष तक पहुंच रहे हैं. श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी की शाहदत ने भारत ही नहीं पूरे एशिया के देशों में धर्मांतरण की घटनाओं को रोका. श्री तेगबहादुर साहिब जी के 400वें प्रकाश पर्व, अमृत महोत्सव के अंतर्गत रविन्द्र भवन में आयोजित व्याख्यान एवं लाइट व साउंड कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित केन्द्रीय विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश के कुलाधिपति पद्मश्री डॉ. सरदार हरमहेंद्र सिंह बेदी ने संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि गुरु तेगबहादुर सिंह एशिया के पहले महापुरुष हैं, जिन्होंने पूरे विश्व को अमानुषिक अत्याचार और भय से मुक्त करने की नई राह दिखाई. यही वह बड़ा कारण है कि आज विश्व भर में गुरु तेगबहादुर साहिब जी की वाणी को अपनी भाषाओं में कई देश अध्ययन करा रहे हैं.
श्री गुरु तेगबहादुर साहिब जी के जीवन दर्शन, वाणी की विलक्षणता के महत्त्व पर बताते हुए, उनकी वाणी से जीवन दर्शन की राह को अपनाने के लिए कहा. उन्होंने बताया कि श्री गुरुतेगबहादुर साहिब जी शास्त्र, शस्त्र और संगीत के धनी थे. गुरु तेगबहादुर साहिब की वाणी के प्रभाव की व्याख्या करते हुए मृत्यु उपरांत शोक में डूबे लोगों को उनकी रचनाओं से जीवन को पुनः शुरुआत करने की बात बताई, और कहा कि वह हिंद की चादर नहीं, बल्कि सृष्टि की चादर हैं.
कार्यक्रम की शुरुआत में मंच पर भारतमाता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर हुई. जिसके बाद पंजाबी साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद की वेबसाइट का विमोचन राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने लोकार्पण किया. साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम की प्रस्तावना पीएस बिंद्रा, स्वागत भाषण पंजाबी साहित्य अकादमी निदेशक नीरु सिंह ज्ञानी द्वारा प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम का समापन राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ हुआ. आयोजन समिति के सदस्य निमेष सेठ द्वारा आभार व्यक्त किया गया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. चरणजीत कौर एवं सिमरन कौर द्वारा किया गया.
कार्यक्रम में भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि प्रकाश पर्व देश-प्रदेश के लिए सच में प्रकाश लेकर आता है. कहा कि भारत अखंड था, अखंड रहेगा. यदि यह संभव हो सका है तो इसके पीछे निश्चित ही गुरुओं का बलिदान है और तेग बहादुर साहिब जी ने जो रास्ता दिखाया है, वही सच्चा रास्ता है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से आयोजित समारोह में भव्य लाइट व साउंड कार्यक्रम का आयोजन हुआ. साथ ही “प्रकट भए गुरु तेगबहादुर” नामक रंगमंचीय प्रस्तुति हुई. जिसके माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों ने गुरु तेगबहादुर साहिब जी के परोपकारी जीवन के बारे में जाना. कार्यक्रम में श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर भव्य प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया.