स्वामी विवेकानन्द जयन्ती पर व्याख्यानमाला
मेरठ. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में स्वामी विवेकानन्द जयन्ती पर ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में पं. दीनदयाल शोध पीठ, प्रज्ञा प्रवाह एवं विवेकानन्द अध्ययन केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में किया गया.
मुख्य वक्ता प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे. नन्दकुमार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी का दर्शन और जीवन आदर्श युवाओं को मार्ग दिखाने के लिये सर्वश्रेष्ठ प्रेरणास्रोत है. स्वामी जी स्वाधीनता आंदोलन, अध्यात्म, आर्थिक आदि सभी क्षेत्रों में भगिनी निवेदिता, जमशेद जी टाटा, महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष, सरदार भगत सिंह आदि महापुरुषों के आदर्श और प्रेरक थे.
शिकागो धर्म सभा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी जी धर्मसभा में देवियों एवं सज्जनों शब्द बोल सकते थे, परन्तु वे उस सभा में सारे विश्व को परिवार मानने वाले सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. इसलिये उन्होंने सभा को मेरे अमेरिकावासी भाईयों-बहनों कहकर सम्बोधित किया.
स्वामी जी धर्म सभा से बहुत समय पहले अमेरिका पहुंच गए थे. एक स्थान पर उनका भाषण सुनने विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक जे.एस. राईट से किसी ने कहा कि स्वामी जी के पास धर्म सभा में सम्मिलित होने का अनुमति पत्र नहीं है, तो राईट ने आश्चर्यचकित होकर कहा, ‘‘सूर्य को प्रकाश देने के लिये अनुमति पत्र चाहिये.’’
उन्होंने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन के अधिकांश क्रांतिकारियों के स्वामी जी प्रेरणास्रोत थे. महात्मा गांधी ने बेलूर मठ में दर्शक पंजिका में लिखा – ‘‘स्वामी जी को पढ़ने के बाद मेरी देशभक्ति हजार गुना बढ़ गई.’’
स्वामी जी ने भारत का आदर्श क्या है? बताते हुए कहा था कि समर्पण और सेवा मात्र इस देश का आदर्श है. भारत के उत्थान के लिये देश के युवाओं में यही भाव जगाकर स्वामी जी के दर्शन के अनुसार आगे बढ़ने की आवश्यकता है.
विशिष्ट अतिथि डॉ. दर्शन लाल अरोड़ा एवं प्रति उपकुलपति प्रो. वाई. विमला ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति प्रो. एन.के. तनेजा ने कहा कि हमें अपनी प्राचीन संस्कृति की श्रेष्ठता पर विश्वास रखना चाहिये. कार्यक्रम में उद्यान विभाग में कार्यरत स्वच्छता कर्मी उषा देवी को शॉल पहनाकर सम्मानित किया गया.