करंट टॉपिक्स

राष्ट्रीय मतदाता दिवस और हमारी जिम्मेदारी

प्रणय कुमार लोकतांत्रिक मूल्यों एवं मानवाधिकारों की रक्षा का दंभ भरने वाले अमेरिका और पश्चिमी जगत के यथार्थ से हम अनभिज्ञ नहीं. ट्रंप-बाइडेन विवाद और...

‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ में निहित मानवाधिकार

सूर्यप्रकाश सेमवाल सर्वे भवन्तु सुखिनः के भारतीय सनातन विचार में “शन्नो अस्तु द्विपदे शन्नो अस्तु चतुष्पदे”  का व्यापक भाव विद्यमान है. बुद्धि, विवेक और चेतना...

कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताने पर बार एसोसिएशन को नोटिस, चुनावों पर रोक

श्रीनगर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (जेकेएचसीबीए) को सोमवार (09 नवंबर) तीन नोटिस जारी किये हैं. नोटिस में श्रीनगर प्रशासन ने जेकेएचसीबीए को...

राष्ट्रीय प्रेस दिवस – प्रेस का कुशल मंगल आखिर किसके लिए…!

जयराम शुक्ल संविधान के प्रावधानों से इतर लोकमानस में चौथे स्तंभ के तौर पर स्थापित प्रेस आज भी अन्य स्तंभों से ज्यादा विश्वसनीय, सहज और...

चरमपंथ, धार्मिक असहिष्णुता एवं साम्प्रदायिकता को बढ़ावा क्यों?

डॉ. खुशबू गुप्ता भारतीय संविधान की प्रस्तावना में “लोकतंत्रात्मक गणराज्य” जैसे महत्वपूर्ण शब्द निहित हैं. यह एक ऐसा चित्र प्रस्तुत करता है जो न केवल...

भारत की संप्रभुता का पहला पड़ाव – गिलगित बाल्तिस्तान

डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री जम्मू कश्मीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा गिलगित बाल्तिस्तान है जो अब पाकिस्तान के कब्ज़े में है. अक्तूबर 1947 में जब पाकिस्तानी...

पालघर हत्याकांड – ३

साधुओं की हत्या केवल गलतफहमी के कारण नहीं? पालघर जिले के गढ़चिंचले गाँव में 16 अप्रैल को दो साधुओं की बर्बर हत्या कर दी गई थी....

क्या बला है – अनुच्छेद 35A? जिसकी चर्चा होते ही एक विशेष वर्ग भारत विरोधी राग शुरू कर देता है…???

जम्मू कश्मीर और अनुच्छेद 35A आज कल सुर्ख़ियों में हैं. दरसअल, सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनी भेजने की घोषणा की गई है. 100 कंपनियों के तहत 10,000 अतिरिक्त...

जम्मू कश्मीर के संविधान में ‘पंथनिरपेक्ष और समाजवाद’ जोड़ने की मांग

आजादी के 64 वर्ष बाद भी जम्मू कश्मीर राज्य 'पंथनिरपेक्ष' नहीं है, क्योंकि इस राज्य के संविधान की प्रस्तावना से 'पंथनिरपेक्ष और समाजवाद' शब्द लुप्त...