करंट टॉपिक्स

ओपनहायमर तो मान गए! लेकिन… / दो

प्रशांत पोळ अब 'इलास्टिसिटी', गुणधर्म का उदाहरण लेते हैं। आधुनिक विज्ञान के मतानुसार 'इलास्टिसिटी' का गुणधर्म सबसे पहले खोजा, रॉबर्ट हुक नाम के अंग्रेज पदार्थ...

प्राचीन भारतीय न्याय व्यवस्था /१

प्रशांत पोळ सामान्यतः ऐसा माना जाता है (और जो शालेय / महाविद्यालयीन शिक्षा से और दृढ़ होता गया है) कि, न्याय प्रणाली, न्यायालय, न्यायमूर्ती, वकील.......

श्री बिबेक देबरॉय की मृत्यु से भारत के आर्थिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और साहित्यिक जीवन में एक बड़ा शून्य हो गया है – विहिप

नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने श्री बिबेक देबरॉय की मृत्यु पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए...

भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुकूल हो भारत की शिक्षा – डॉ. कृष्ण गोपाल जी

दीप प्रज्ज्वलन के साथ विद्या भारती की अखिल भारतीय बैठक का शुभारम्भ; बैठक में सम्पूर्ण भारत से 215 प्रतिनिधि उपस्थित शिमला, हिमाचल प्रदेश. राष्ट्रीय स्वयंसेवक...

स्वामी विवेकानंद का राजस्थान से संबंध और शिकागो यात्रा

प्रमोद शर्मा स्वामी विवेकानंद जी का राजस्थान से भी निकटता का सम्बन्ध रहा. उनके अनन्य भक्त और मित्र खेतड़ी के महाराजा अजीत सिंह ने उनकी...

भगवान महावीर स्वामी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं – डॉ. मोहन भागवत जी

नई दिल्ली. भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण वर्ष के उपलक्ष्य में दिल्ली के विज्ञान भवन में कल्याणक महोत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में...

अपने पूर्वजों के संस्कारों की पूंजी को बचाना हमारा धर्म – विजय मनोहर तिवारी

इंदौर. देवर्षि नारद जी के पत्रकारिता आदर्श को समाज के सम्मुख प्रस्तुत करने हेतु हर वर्ष सृष्टि के सर्वप्रथम संवाददाता देवर्षि नारद की जयंती पर...

काशी शब्दोत्सव – भारतीय परंपरा में सह अस्तित्व एवं सबके कल्याण का विचार है

वाराणसी. विश्व संवाद केन्द्र काशी की ओर से रूद्राक्ष इण्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, सिगरा, वाराणसी में आयोजित काशी शब्दोत्सव - 2023 के समापन सत्र में राष्ट्रीय...

दुबई के पुस्तकालय में रामायण सहित अन्य भारतीय धर्मग्रंथ

भारतीय सभ्यता, अध्यात्म, धर्म व दर्शन का अध्ययन विदेश में भी बढ़ रहा है. संयुक्त अरब अमीरात के सबसे बड़े शहर दुबई में मोहम्मद बिन...

ज्ञानेश्वरी में स्थित वाङ्मयगणेश

आज ज्ञानेश्वरी ग्रंथ की जयंती है. मनुष्य के जीवन में ‍उपयुक्त मार्गदर्शन करने वाला कालातीत ग्रंथ है ज्ञानेश्वरी. शके १२१२ यानि सन् १२९० में लिखे...