करंट टॉपिक्स

श्रीमद्भगवद गीता और भरत मुनि का नाट्यशास्त्र को यूनेस्को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल

नई दिल्ली। यूनेस्को ने श्रीमद्भगवद गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया है। यूनेस्को द्वारा जारी जानकारी...

समाज में भारतीय ज्ञान परंपरा की चेतना को जागृत करना होगा – डॉ. कृष्णगोपाल जी

महाकुम्भ नगर, प्रयागराज। 'न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते' अर्थात् इस दुनिया में ज्ञान के समान पवित्र और कुछ नहीं है। श्रीमद्भगवद् गीता में दर्ज...

लोकमंगल और लोकरंजन के लिये लोकसंपृक्त साहित्य रचना की आवश्यकता है – हेमंत मुक्तिबोध

इंदौर। विश्व संवाद केन्द्र मालवा द्वारा आयोजित नर्मदा साहित्य मंथन के चतुर्थ सोपान अहिल्या पर्व का समापन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सभागृह में हुआ। समापन...

इंडिया नहीं, ‘भारत’ हमारे पूर्वजों की विरासत है

‘एक राष्ट्र, एक नाम – भारत’ विषय़ पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन महाकुम्भ नगर, प्रयागराज। "न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते", जिसका अर्थ है "इस...

डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ‘डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान 2024’ से सम्मानित

कोलकाता. भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीयता और साहित्यिक समृद्धि को समर्पित डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान 2024 इस वर्ष का फिल्म जगत के प्रसिद्ध व्यक्तित्व डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी...

राष्ट्र सेविका समिति द्वारा शाखा संगम का आयोजन

नई दिल्ली. राष्ट्र सेविका समिति महिलाओं का सबसे बड़ा संगठन, भारतीय महिलाओं के उत्थान के लिए 1936 से कार्यरत है. आज राष्ट्र सेविका समिति की...

Hindu Spiritual and Service Fair – 1100 वर्ष पहले 62 प्रतिशत लोगों की मातृभाषा संस्कृत थी

जयपुर. एचएसएसएफ (Hindu Spiritual and Service Foundation) के तत्वाधान में आदर्श नगर स्थित दशहरा मैदान में पांच दिवसीय हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला का आयोजन...

मुगलों की स्तुति के लिए पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई को इतिहास में अनदेखा किया गया

मुगलों और अन्य सुलतानों की स्तुति के लिए इतिहास की पुस्तकों में पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई को अनदेखा ही किया गया और इतिहास में उनके योगदान...

नारदीय संचार नीति : एक मीमांसा

आज संचार प्रक्रिया ने जिस गति एवं परिधि से मानवीय जीवन में अपना स्थान बनाया है, वह आश्चर्य  का विषय होने के साथ -साथ चिंता...

ब्रज रज में संतों ने मनाया धूलोट महोत्सव, 500 वर्ष पुरानी परंपरा

धूलोट यानी धूल में लोट लगाना (लोट-पोट होना). यह कोई साधारण धूल नहीं, बृज क्षेत्र की धूल है, जिसे बृज रज कहते हैं. भगवान श्रीकृष्ण...