करंट टॉपिक्स

संघ कितना राजनीतिक?

लोकेन्द्र सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस विजयादशमी पर अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है. स्वतंत्रता सेनानी डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने वर्ष 1925...

एकात्म मानव दर्शन – दीनदयाल जी ने चतुर्पुरुषार्थ सिद्धांत को व्यवहारिक स्वरूप दिया

भाग एक विश्व की आधुनिक शासन प्रणालियों में बहुत से सिद्धांत सामने आए. इन सिद्धातों को सूत्र रूप प्रस्तुत करने के लिये कुछ शब्द भी...

संविधान की हत्या करने वाली तानाशाही के स्वर्णिम किस्से..!!

कृष्णमुरारी त्रिपाठी देश में गाहे-बगाहे इमरजेंसी, तानाशाही, हिटलरशाही जैसे शब्द सुनाई देते रहते हैं. हताशा से भरा एक वर्ग अपना राग अलापता रहता है. लोकतंत्र...

सत्य, शुचिता, करुणा के साथ अपनों के लिए जीने से ही सुख मिलता है – डॉ. मोहन भागवत जी

कठुआ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने रविवार को प्रात: प्रथम शारदीय नवरात्र के अवसर पर जम्मू में काली माता मंदिर,...

भारतीय अवधारणाओं का सटीक अर्थ देने वाले शब्दकोश का विमोचन 11 नंवबर को

पुणे. भारतीय संकल्पनाओं के सटीक अर्थ की व्याख्या करने वाले 'एकात्म मानव दर्शन - ग्लोसरी ऑफ कांसेप्ट्स' विशेष कोश का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के...

पुण्यस्मरण – भारतीय राजनीति के महान सोशल इंजीनियर थे नानाजी…

जयराम शुक्ल "दूसरी गुलामी से मुक्ति का आंदोलन परवान पर नहीं चढ़ता, यदि जेपी को नानाजी जैसे सारथी नहीं मिले होते." वैचारिक पृष्ठभूमि अलग-अलग होते...

विश्व-बंधुत्व की भावना को साकार करता एकात्म मानवदर्शन

प्रणय कुमार सरलता और सादगी की प्रतिमूर्त्ति पंडित दीनदयाल उपाध्याय बहुमुखी एवं विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. उनका जीवन परिश्रम और पुरुषार्थ का पर्याय था....

सदैव अटल – सबको दिशा देने वाले भारतरत्न अटल बिहारी वाजपयी

सूर्य प्रकाश सेमवाल अजातशत्रु और सार्वकालिक लोकप्रिय राजनेता होने के साथ एक श्रेष्ठ कवि, कुशल वक्ता और आदर्श सांसद भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल...

पं. दीनदयाल जी की दृष्टि में ; अखंड भारत इसलिए.. !!

पंडित जी लिखते हैं कि - अखंड भारत के आदर्श की ओर सबका रुझान होने के बाद भी अनेक लोग इसे अव्यवहारिक मानते हैं. उनकी...

यादों में आपातकाल – एक

अनुशासन का शर्मनाक यातना पर्व...! जयराम शुक्ल पंद्रह अगस्त, 26 जनवरी यदि सरकारी आयोजन न होते तो पब्लिक इन्हें कब का भुला चुकी होती. लेकिन...