करंट टॉपिक्स

संविधान के चित्रों से होते हैं भारत की आत्मा के दर्शन – लक्ष्मी नारायण भाला

नई दिल्ली, 27 जनवरी। संस्कार भारती के केंद्रीय कार्यालय ‘कला संकुल’ में मासिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गणतंत्र दिवस की संध्या पर आयोजित संगोष्ठी...

सही मायनों में 1975-77 में देश का संविधान खतरे में था!

भारतीय संविधान को खतरा किससे ? बलबीर पुंज संसद में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा हुई. इस दौरान नेता विपक्ष ने हिन्दू समाज को...

मध्यप्रदेश – उच्च न्यायालय ने खारिज की नेहा सिंह राठौर की याचिका

उच्च न्यायालय ने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी का उपयोग विवेकपूर्ण होना चाहिए भोपाल. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर पीठ ने विवादित लोक कलाकार नेहा सिंह...

‘स्व’ का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान – निम्बाराम

कोटा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर पश्चिम क्षेत्र के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम के समापन अवसर पर क्षेत्र प्रचारक निंबाराम जी ने कहा कि संघ के...

राम राज्य का मतलब सभी का सामाजिक विकास और समानता है – जस्टिस अरुण मिश्रा

नई दिल्ली. सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि राम राज्य उस काल को संदर्भित...

पश्चिमी चिंतन में महिला-पुरुष में स्पष्ट भेद, भारतीय चिंतन किसी प्रकार का भेद नहीं मानता – वृशाली जोशी

काशी. विश्व मांगल्य सभा की अखिल भारतीय संगठन मंत्री वृशाली जोशी ने कहा कि ‘महि’ का अर्थ होता है पृथ्वी, जो पृथ्वी जैसा सहनशील, कल्याणकारी...

विभाजन की विभीषिका – षड्यंत्र और संदिग्ध भूमिकाएं

कृष्णमुरारी त्रिपाठी द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए भारत की जनता आर- पार की लड़ाई में आ...

आपातकाल – लोकतंत्र की आधारशिला, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता राज्य नियंत्रण से कुचल दी गई

आपातकाल के दौरान आम लोगों द्वारा झेले गए अत्याचारों के साथ-साथ भारतीय जनता द्वारा प्रदर्शित अटूट प्रतिरोध ने राष्ट्र की सामूहिक स्मृति को गहराई से...

जनजाति समाज चाहता है डी-लिस्टिंग

शीतल पालीवाल 18 जून को जनजाति सुरक्षा मंच ने मेवाड़ सहित पूरे राजस्थान के जनजाति समाज को साथ लेकर उदयपुर में हुंकार भरी. आखिर क्यों,...

समलैंगिक शादी, सांस्कृतिक बर्बादी

विनोद बंसल प्रवक्ता, विश्व हिन्दू परिषद भारतीय ज्ञान विज्ञान, परंपराएं, रीति रिवाज व सांस्कृतिक मान्यताएं आज विश्व पटल पर स्वीकार की जाने लगी हैं. भोगवादी...