करंट टॉपिक्स

छत्तीसगढ़ – धर्मांतरण से उबलता छत्तीसगढ़ का शांत जनजातीय समाज

प्रवीण गुगनानी छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग विशेषतः नारायणपुर जिला पुनः अस्थिर, अशांत और अनमना सा है. सदा की तरह कारण वही है, धर्मांतरण! वैसे तो...

भारतीय संस्कृति में महिला व पुरूष एक समान – मोनिका अरोड़ा

भोपाल. सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने कहा कि भारत में नारी की सदैव गरिमा रही है. नारी ने विद्वानों, ऋषि, महर्षि, शंकराचार्य से शास्त्रार्थ किया. लेकिन...

भारतीय है संविधान की आत्मा

‘हम भारत के लोग - हम भारत के लोगों ने भारत को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने और अपने सभी नागरिकों को सुरक्षित करने का...

काशी तमिल संगमम – भारत अनादिकाल से एक है

बलबीर पुंज 19 नवंबर (शनिवार) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरप्रदेश के वाराणसी में ‘काशी तमिल संगमम’ का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने जो कुछ...

पहचान हिन्दुत्व की…../ भाग – २

प्रशांत पोळ रविवार, दिनांक १७ अगस्त, २०१७. गणेशोत्सव का तीसरा दिन है. स्पेन के सुदूर दक्षिणी भाग में, मोरक्को की सीमा के पास, अफ्रीका महाद्वीप...

मतांतरित समूहों पर बाबा कार्तिक उरांव – मतांतरण करने वाले लोगों को अनुसूचित जनजाति के अधिकार नहीं मिलने चाहिए

भारत के 8 करोड़ से अधिक का जनजाति समाज (जनगणना के अनुसार तो जनसंख्या 10 करोड़ है, परंतु संभवतः 2 करोड़ लोग तो धर्मांतरित हैं)...

विश्व में बढ़ रहा है भारत का गौरव – हनुमान सिंह जी

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक, राजस्थान क्षेत्र के महाविद्यालय विद्यार्थियों के संघ शिक्षा वर्ग के समापन अवसर पर पूज्य रामविलास जी महाराज, छोगाराम जी का स्थान कबीर...

विजयादशमी उत्सव पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत का उद्बोधन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ श्री विजयादशमी उत्सव (आश्विन शुद्ध दशमी बुधवार दि. 5 अक्तूबर 2022) आज के कार्यक्रम की प्रमुख अतिथि आदरणीया श्रीमती संतोष यादव जी,...

संघ व्यक्तिगत स्वार्थों को छोड़ देश के लिए त्याग करना सिखाता है – डॉ. मोहन भागवत जी

शिलॉंग. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने मेघालय की राजधानी शिलॉंग में यू सोसो थाम सभागार में आयोजित कार्यक्रम में भाग...

अमृत महोत्सव – स्त्री, स्वराज और स्वदेशी

प्रो. गीता भट्ट औपनिवेशिक ताकतों के विरोध में जिन दो शब्दों ने वैचारिक अलख जगाई, वे थे -  स्वराज और स्वदेशी. इन दो शब्दों ने...