नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ के बस्तर से झारखंड तक जनजाति समाज मिशनरी व धर्मांतरण के खिलाफ मुख हो रहा है. जनजाति समाज द्वारा विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं. समाज के प्रतिनिधि प्रशासन से मिशनरियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में कोंडागांव जिले में पिछले एक सप्ताह से स्थानीय जनजाति समाज क्षेत्र में चल रहे धर्मांतरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है. जगह-जगह चल रही धर्मांतरण गतिविधियों के कारण जनजातीय संस्कृति को नुकसान हो रहा है.
बस्तर संभाग में अलग-अलग जिलों में अब जनजातीय समाज की बैठकों का क्रम शुरू हो गया है. समाज के प्रमुख लोगों का कहना है कि आने वाले समय में जनजाति संस्कृति से खिलवाड़ कर रहे लोगों के विरुद्ध प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बस्तर संभाग में जनजाति समुदाय की बहुलता है, कुछ वर्षों से जनजाति संस्कृति, रूढ़ि प्रथा, परंपराओं तथा धार्मिक मान्यताओं को बाहरी शक्तियों द्वारा नष्ट करने का षड्यंत्र किया जा रहा. छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज द्वारा समाज को सचेत रहने का संदेश दिया गया है. छत्तीसगढ़ के ही सरगुजा जिले में भी जनजाति समाज ने ईसाई मिशनरियों और चर्च पर जनजाति संस्कृति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. सरगुजा में भी चर्च से जुड़े पादरियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग जनजाति समाज के प्रमुखों द्वारा की जा रही है.
छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य झारखंड में भी धर्मांतरण का मुद्दा काफी गर्म हो चुका है. झारखंड के ओरमांझी क्षेत्र में हाल ही में 10 परिवारों द्वारा धर्मांतरण किए जाने के बाद पूरे क्षेत्र में जनजाति समाज आक्रोशित है.
जनजाति संगठनों के नेता व अन्य लोग गांव का दौरा कर रहे हैं. प्रशासन द्वारा भी गांव में कड़ी निगरानी रखी जा रही है, साथ ही धर्मांतरण के मामले की जांच भी की जा रही है. इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि क्षेत्र में अब और कोई धर्मांतरण का मामला सामने ना आए.
पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि प्रलोभन देकर धर्मांतरण करवाकर समाज का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की.