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कोरोना के खिलाफ जंग – वैक्सीनेशन को लेकर अनेक स्थानों पर मुस्लिम समाज नहीं दिखा रहा रुचि

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कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीनेशन महत्वपूर्ण हथियार है. केंद्र व राज्य सरकारें वैक्सीनेशन अभियान की गति बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं. वहीं, कुछ लोग अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए जानबूझकर कोरोना वैक्सीन को लेकर भ्रम फैला रहे हैं, जिससे कोरोना पर काबू पाने के भारत के प्रयासों को रोका जा सके. इन्हीं भ्रामक बयानबाजी, और अफवाहों के कारण अनेक स्थानों पर लोग वैक्सीन लगवाने से इंकार कर रहे हैं. वैक्सीनेशन टीम पर हमले की घटनाएं भी सामने आ रही हैं.

इसी क्रम में शनिवार को खेकड़ा (बागपत) के गांव हरचंदपुर में कोविड वैक्सीन लगाने गई टीम का मुस्लिम समाज के लोगों ने विरोध किया. मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें समझाया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने. इसके चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम को बिना वैक्सीनेशन के ही लौटना पड़ा.

शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कोविड की जांच और वैक्सीनेशन के लिए पहुंची. मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने टीम का विरोध करते हुए कहा कि उनके गांव में सभी स्वस्थ हैं, इसलिए कोविड की जांच कराने और वैक्सीन लगवाने की किसी को जरूरत नहीं है. ग्रामीणों ने टीम को गांव से वापस जाने को कह दिया. सूचना पर खेकड़ा सीएचसी अधीक्षक डॉ. ताहिर मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की. मगर, ग्रामीण नहीं माने.

वैक्सीन लगवाने से आता है बुखार, इसलिए नहीं लगवाएंगे

सीएचसी अधीक्षक डॉ. ताहिर ने बताया कि हरचंदपुर गांव में एएनएम सुमन गोस्वामी और एएनएम अनीता कोविड वैक्सीनेशन के लिए गई थीं. इंतजार के बाद भी कैंप में टीका लगवाने कोई नहीं आया. आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी बुलाने गई. मगर, ग्रामीण वैक्सीन लगवाने नहीं आए. ग्रामीण बोल रहे थे कि वैक्सीन लगाने से बुखार आता है, वह वैक्सीन नहीं लगवाएंगे. ग्रामीणों के राजी न होने के बाद उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है. उच्चाधिकारी ग्रामीणों से बात कर उनकी शंका का समाधान करेंगे.

राजस्थान

25 मार्च को कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद और जिला कलेक्टर आशीष मोदी पूनम नगर पीएचसी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे. निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीनेशन के बारे में पूछा. जबाव में पुरुष नर्स ने कहा कि यहां मुस्लिम समाज के लोग टीका लगवाने नहीं आते. उनका प्रतिशत बहुत कम है.

हालांकि, यह सच्चाई सुन जिला कलेक्टर ने मंत्री के सामने ही नर्स को फटकार लगा दी और निलंबित करने के आदेश दे दिए.

उत्तर प्रदेश

अलीगढ़ की जमालपुर अर्बन पीएचसी को वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया है. क्षेत्र में काफी लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं, जिसके चलते प्रतिदिन 250 तक वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया. लेकिन वैक्सीन एंड कोल्ड चेन मैनेजर रवेंद्र शर्मा की निरीक्षण की रिपोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग में खलबली मचा दी. रिपोर्ट में वैक्सीन (को-वैक्सीन) भरी सिरिंज कचरे में फेंकने की जानकारी दी. वैक्सीनेशन करने वाली एएनएम ने सिरिंज में वैक्सीन भरी, लाभार्थी के बाजू में केवल सुई चुभोकर निकाल ली और वैक्सीन भरी सिरिंज कचरे में फेंक दी. ऐसी 29 सिरिंज बरामद हुई हैं..आरोपी एएनएम निहा खान को नौकरी से हटा दिया गया है, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

ये केवल कुछ उदाहरण हैं, देशभर में अनेक स्थानों पर ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसी घटनाएं कोविड जांच व ट्रेसिंग को लेकर चले अभियानों के दौरान भी देखने को मिली थीं. अनेक स्थानों पर जांच करने पहुंची टीमों पर हमले हुए थे, टीम के सदस्यों के साथ मारपीट हुई थी. पिछले दिनों एएमयू भी काफी चर्चा में रहा था. वहां, प्रोफेसर व अन्य कर्मियों द्वारा वैक्सीनेशन न करवाने की बात सामने आई थी.

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