जयपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक श्रीवर्धन जी ने कहा कि देश के युवा और क्रीड़ा भारती मिलकर खेलों के माध्यम से राष्ट्र को गौरव पर ले जायें. खिलाड़ियों को हनुमान जी की तरह चरित्रवान और गुणवान होना चाहिए. जिस प्रकार हनुमान जी ने लंका विजय के लिए अपने लक्ष्य को निर्धारित किया, वैसे ही खिलाड़ियों को अपने लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए. उसे साधनों की चिन्ता में समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए, अपने परिश्रम द्वारा परिणाम निकालना चाहिए. श्रीवर्धन जी सांगानेरी गेट अग्रवाल कॉलेज के अग्रसेन सभागर में क्रीड़ा भारती जयपुर के स्थापना दिवस (हनुमान जयंती) पर आयोजित राष्ट्र निर्माण में खिलाड़ियों की भूमिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे.
उन्होंने क्रीड़ा भारती से आह्वान किया कि वे गांवों की प्रत्येक ईकाई तक पंहुचें और प्रतिभावान खिलाड़ियों को तलाश कर उन्हें उचित अवसर प्रदान करें. आदिवासी क्षेत्रों में सुविधाओं का अभाव होता है, किन्तु उन क्षेत्रों में से अच्छे खिलाड़ी अपने बल पर आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं. लेकिन अभावों के कारण आगे नहीं पहुंच पाते. क्रीड़ा भारती उन्हें आगे बढ़ाने में सहायता करे.
उन्होंने बच्चों के माता पिता से कहा कि वे अपने बच्चों को खेल के मैदान में मिट्टी की रगड़ से मजबूत करें. जिससे बच्चों का शारीरिक विकास भी पूर्ण रूप से हो सके. मात्र भौतिक साधनों से बच्चों का पूर्ण विकास संम्भव नहीं है. बालिकाओं को स्वयं की रक्षा के लिए जूडो और मार्शल आर्ट सीखना चाहिए. खिलाड़ी का हर कदम सधा हुआ और विश्वास से भरा हुआ होता है, जिससे वह राष्ट्र को गौरव प्राप्त करवा सकता है. उन्होंने विद्यालयों में योग शिक्षा को प्रारम्भ करवाने का आह्वान किया, जिससे विद्यार्थियों में स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन का विकास होगा.
संगोष्ठी में ओलम्पियन व क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोपाल सैनी मुख्य अतिथि तथा पैरा एथलीट सुन्दर सिंह गुर्जर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. संगोष्ठी से पूर्व विद्यार्थियों ने कराटे, किक बाक्सिंग का प्रदर्शन किया.