गाजियाबाद (विसंकें). गाजियाबाद के ए.बी.ई.एस. इंजीनियरिंग कॉलेज के सर्वपल्लि राधाकृष्णन सभागार में 09 अप्रैल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क विभाग द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर एवं विख्यात विचारक राकेश सिन्हा जी ने “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता – राष्ट्र प्रेम या राष्ट्रद्रोह” विषय पर विचार रखे. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ.
प्रो. राकेश सिन्हा जी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का वर्तमान परिदृश्य में चुटकी लेते हुये कहा कि यह कार्यक्रम असहिष्णु हो गया है क्योंकि इस कार्यक्रम के प्रारम्भ में ही भारतमाता की जय का नारे लग गये हैं. आज हमारे अस्तित्व का संघर्ष है और हम इस पर समझौता नहीं कर सकते, अध्यात्म हमारी शक्ति है और बौद्धिकता उसका आधार है. लेकिन आज वितंडावाद चल रहा है, जिसमें तर्कहीन, सिद्धांतहीन, कुतर्कों का संघर्ष है, पूर्वाग्रह से प्रेरित चर्चायें चलती हैं. हिन्दुस्तान के टुकड़े करने के स्वप्न देखने वाले ये जान लें कि आवश्यक्ता पड़ने पर यहां का बच्चा-बच्चा चंद्रगुप्त बन जाता है. ओवैसी पर कटाक्ष तरते हुये उन्होंने कि एक सरदार पटेल ने हैदराबाद के निज़ाम के पेंच ढीले कर दिये. आज ओवैसी 5 मिनट के लिये पुलिस हटा लेने की बात करता है, उनको अंदाज़ा नहीं कि आज कई-कई पटेल बैठे हैं दिल्ली में. अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर कुछ भी कहने, करने या देश को तोड़ने की अनुमति नहीं मिल सकती. हिन्दुओं की उदारता को अन्यथा ना लिया जाये. उन्होंने कहा कि सुनियोजित तरीक़े से असम और बंगाल में हिन्दू आबादी लगातार घट रही है, इसको समझना आज आवश्यक हो गया है.
कार्यक्रम के अध्यक्ष उद्योगपति प्रताप सिंह जी ने अध्यक्षीय आशीर्वाद दिया. कार्यक्रम में संस्कार भारती द्वारा संगीत की धुन पर तीव्र गति से चित्र बनाने वाले उड़ीसा के कलाकार परम शाह जी ने सुन्दर चित्र बनाकर सबका मन मोह लिया, और फिर कवियों द्वारा राष्ट्र भाव को जाग्रत करने वाला काव्यपाठ किया गया. कार्यक्रम का संचालन नितिन कुमार जी ने किया. इस अवसर पर प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह महानगर संघचालक धुरेंद्र जी, सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे.