शिमला (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र संघचालक डॉ. बजरंग लाल जी गुप्त ने कहा कि किसी भी देश के लिए उसका स्वाभिमान सर्वोपरि होता है. यदि कोई देश अपना स्वाभिमान खो देता है तो उसका पतन निश्चित है. वह चिंतपूर्णी में हिमाचल प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के समारोप कार्यक्रम में स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत कर्नल देशराज जी ने की. डॉ. बजरंग लाल गुप्त मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे. 26 जून से प्रारंभ हुए संघ शिक्षा वर्ग में कर्मचारी, व्यवसायी, शिक्षक एवं इंजीनियर के साथ-साथ विश्वविद्यालय, स्कूलों एवं कॉलेजों के विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. वर्ग में 15 से 40 वर्ष की आयु के कुल 183 शिक्षार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया.
उत्तर क्षेत्र संघचालक जी ने कहा कि संघ का काम राष्ट्र में चरित्र निर्माण करना है. संघ के प्रशिक्षित स्वयंसेवक समाज निर्माण में अपनी भूमिका तय करें, जिससे राष्ट्र विरोधी ताकतें उठ न पायें. समाज की हर चुनौती का सामना करने के लिए वे हर समय तैयार रहें, जिससे प्रशिक्षण के सही उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके. विश्व को आज सभी समस्याओं से बाहर निकालने की शक्ति अगर किसी में है तो वह भारतीय संस्कृति है.
कार्यक्रम अध्यक्ष कर्नल देशराज जी ने कहा कि प्रशिक्षण वर्ग के कार्यक्रम का स्वरूप भारतीय सेना की कार्यप्रणाली के समान ही है, जहां पर हर जाति के व्यक्ति समान रूप से देश सेवा से जुड़े होते हैं. उन्होंने एक हजार तीन सौ सैंतिस परिवारों से एकत्रित की गयी 39 हजार रोटियों के लिए लोगों का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि देश में सेना के कार्यों के प्रति लोगों में अपार श्रद्धा है जो लोग सेना की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं, उनको लोगों के गुस्से का शिकार बनना पड़ेगा. उन्होंने युवाओं का आह्वान कि वे राष्ट्रीय प्रतीकों का न केवल सम्मान करें, बल्कि ऐसा करने के लिए दूसरों को भी प्रेरित करें.
वर्ग के समारोप समारोह में हिमाचल प्रांत संघचालक सेवानिवृत कर्नल रूपचंद, वर्गाधिकारी सेवानिवृत्त आईएएस जीतराम कटवाल, वर्ग कार्यवाह किस्मत कुमार, क्षेत्र प्रचारक प्रेम कुमार, अशोक कुमार एवं प्रांत प्रचारक संजीवन कुमार सहित संघ के कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया.