मेरठ (विसंकें). 09 जुलाई को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर दिवस को राष्ट्रीय छात्र दिवस के रूप में मनाया. कार्यक्रम विश्व संवाद केन्द्र केशव भवन के सभागार में मनाया गया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय सह-संगठन मंत्री रमेष गड़िया जी ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 09 जुलाई 1949 से अखिल भारतीय छात्र संगठन के रूप में समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में कार्य प्रारम्भ किया. विद्यार्थी परिषद शिक्षा, परिवार की सामूहिक शक्ति में विश्वास रखकर छात्रों को रचनात्मक कार्य से जोड़ने वाला संगठन है. यह छात्र संगठन देश के छात्रों को दलगत राजनीति से ऊपर रहकर देश सबसे ऊपर यही भाव सिखाता है. विद्यार्थी परिषद की मान्यता है कि छात्र कल का नहीं, अपितु आज का नागरिक है. वह केवल शैक्षिक जगत का घटक ही नहीं, वरन् देश का एक जिम्मेदार नागरिक भी है. विद्यार्थी परिषद ने सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि समाज छात्रशक्ति को उपद्रवी शक्ति ना माने, यह राष्ट्र शक्ति है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रान्त प्रचार प्रमुख सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि विद्यार्थी परिशद वर्ष 1949 से ही ‘‘शिक्षा जीवन के लिये-जीवन वतन के लिये’’ का विचार लेकर आम छात्र में कार्य किया है. आज हमें ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है जो विद्यार्थियों को केवल कैरियर ही नहीं, बल्कि सामान्य देशवासियों के लिये कुछ करने का संकल्प भी दे. विद्यार्थी परिषद अपने जन्मकाल से ही देश में उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों को लेकर सम्पूर्ण समाज में जागरण एवं छात्रशक्ति को ऐसे मुद्दों पर आंदोलित करने का कार्य करती चली आ रही है.
विद्यार्थी परिषद के प्रान्त अध्यक्ष राजीव सजेरिया ने कहा कि विद्यार्थी परिषद का कार्य या कार्यकर्ता जिन कॉलेज कैम्पसों में होता है. वहां की स्थिति देखने योग्य होती है. वहां के छात्रों में एक जोश और उत्साह दिखाई देता. विद्यार्थी परिषद दुनिया का सबसे बड़ा छात्रों का संगठन होने के नाते बहुत ही अनुशासित रहकर अपना परिचय देता है तथा राष्ट्र हित में कार्य करता है.