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भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुकूल हो भारत की शिक्षा – डॉ. कृष्ण गोपाल जी

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दीप प्रज्ज्वलन के साथ विद्या भारती की अखिल भारतीय बैठक का शुभारम्भ; बैठक में सम्पूर्ण भारत से 215 प्रतिनिधि उपस्थित

शिमला, हिमाचल प्रदेश.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि आज पूरा विश्व भारत की विशेषता के बारे में जानना चाहता है. दुनिया भारत के बारे में अध्ययन करना चाहती है. आखिर वह कौन सी बात है जिसने भारत को समर्थ और शक्तिशाली बना कर रखा है. भारतीय संगीत, योग, वेद उपनिषद, रामायण, रामचरितमानस आदि ग्रंथों से हमारी ज्ञान परम्परा समृद्ध है जो हमारी मानवता की आधारशिला है. यहीं से व्यक्ति का सामाजिक निर्माण होता है. श्रेठ समाज के निर्माण में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहता है. सह सरकार्यवाह विद्या भारती की अखिल भारतीय कार्यकारिणी बैठक के शुभारम्भ अवसर पर संबोधित कर रहे थे.

इस अवसर पर विद्या भारती के अध्यक्ष डी. रामकृष्ण राव, संगठन मंत्री गोविन्द चन्द महंत भी उपस्थित रहे. सर्वप्रथम सभी पदाधिकारियों ने गोलोकवासी कार्यकर्ताओं को श्रद्धान्जलि अर्पित की व एक मिनट का मौन रखा. तत्पश्चात विद्यालय के छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी. विद्या भारती अखिल भारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर जी ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों व्गणमान्य अतिथियों का परिचय करवाया.

अखिल भारतीय बैठक हिमाचल प्रदेश में 22 वर्षों के पश्चात् आयोजित की जा रही है. विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महामंत्री देशराज शर्मा ने पुण्य भूमि हिमाचल प्रदेश की भूमिका पर प्रकाश डाला.

बैठक के उद्घाटन सत्र में विद्या भारती द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों “अभिनव पंचपदी अधिगम पद्धति” तथा “लोकमाता देवी अहिल्या” का विमोचन किया गया, जिनका प्रकाशन विद्या भारती ने किया है.

गोविन्द चन्द मंहत जी ने कहा कि कार्यकारिणी बैठक देव भूमि हिमाचल में कठिन क्षेत्र मानकर रखी गई है. यहां हम सभी गुणवत्ता के लिए विभिन्न 29 विषयों पर विचार करेंगे. विषय संयोजक अपने-अपने विषयों की प्रस्तुति देंगे व उनके विकास की चर्चा करेंगे. संघ शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की चर्चा भी बैठक में की जाएगी. उन्होंने कहा कि पंचपदी के अनुसार प्रभावी शिक्षण हो, इस पर भी चिंतन होगा.

इस अवसर पर आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी, विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के संगठन मंत्री गोविन्द महंत जी ने दीप जलाकर किया. प्रदर्शनी में  विद्या भारती

द्वारा साहित्य, स्थानीय विद्यालय के छात्रों द्वारा “हिमाचल एक झलक” विषय पर, औषधीय पौधों (Herbal Garden) को शामिल किया गया है. इसके साथ साथ विद्या भारती द्वारा कौशल को विकसित करने के लिए चलाए जा रहे जन शिक्षण संस्थान शिमला के स्व-निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गयी है. जन शिक्षण संस्थान शिमला की निदेशक मंजुला अत्री ने संस्थान व प्रदर्शनी के बारे में विस्तृत जानकारी दी.

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