हुबली, कर्नाटक. सहकारी भारती द्वारा 9, 10 फरवरी को प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियों (PACS) का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजन किया गया. अधिवेशन का उद्घाटन कर्नाटक कोऑपरेटिव फेडरेशन के अध्यक्ष जी. टी. देवगौड़ा ने किया. अधिवेशन में देश के 16 राज्यों से 940 प्रतिनिधि एवं समापन सत्र में कर्नाटक से (1150 सोसायटी से) 4 हजार अध्यक्ष, संचालक, सचिव एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
मुख्य अतिथि केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने भारत सरकार द्वारा गठित नवीन सहकारिता मंत्रालय की योजनाओं एवं निर्णयों को बताते हुए पैक्स समितियों की ग्रामीण अर्थव्यस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित की. उन्होंने आशा व्यक्त की कि देश की समस्त पैक्स समितियां बहुउद्देशीय कार्यों को करते हुए सभी प्रकार के वित्तीय एवं गैर वित्तीय सेवाएं लोगों को प्रदान कर सकेंगी. अधिवेशन में विभिन्न सत्रों में विषय विशेषज्ञों द्वारा पैक्स की अवधारणा, उनकी उपयोगिता, आवश्यक रणनीति,
प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यापक जानकारी दी. साथ ही पैक्स समितियों की समस्याओं, कठिनाइयों एवं उनका निराकरण कैसे हो, इस पर विस्तृत चर्चा के बाद एक मांग पत्र तैयार किया. जिसे भारत सरकार एवं प्रदेश सरकारों को भेजकर समस्याओं के निराकरण का प्रयास किया जाएगा. जिससे समितियों की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा.
अधिवेशन में देश में आदर्श कार्य कर रही समितियों की सफलता की कहानी प्रतिनिधियों ने रखी. जिससे प्रेरणा लेकर अन्य समितियां भी अच्छा कार्य कर सकें. सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर, महामंत्री उदय जोशी, सांसद अन्ना साहब जोले जी, संरक्षक रमेश वैद्य, राजेंद्र थानवी, केशव हरोड़िया का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ.
अधिवेशन के समापन संबोधन में राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय पाचपोर जी ने पैक्स की भूमिका, उनकी उपयोगिता पर विस्तृत जानकारी दी. कहा कि आने वाला कल हमारा है. हम सब निष्ठा, ईमानदारी से कार्य करके देश की प्रगति में भागीदार बनें.