करंट टॉपिक्स

हमारा चिंतन व्यापक होना चाहिए

चित्रकूट. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक स्व. मदनदास देवी जी की पावन स्मृति में दीनदयाल शोध संस्थान, चित्रकूट के विवेकानन्द सभागार में श्रद्धांजलि सभा...

राष्ट्र को समर्पित मदन जी का जीवन समाज के लिए प्रेरणादायी – पुष्कर सिंह धामी

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्वर्गीय मदन दास देवी की अस्थियां गंगा में विसर्जित हरिद्वार. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को भीमगोडा स्थित...

पारदर्शी व्यक्तित्व के धनी थे मदन दास जी – भय्याजी जोशी

लखनऊ (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी का बीते सोमवार को बंगलुरु में निधन हो गया. उनके निधन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक...

मदनदास जी के दिए कार्यमंत्र के अनुसार कार्य आगे बढ़ाएंगे – डॉ. मोहन जी भागवत

पुणे. अपने संपर्क में आए हुए हर व्यक्ति को विचारों और आंतरिक स्नेह से प्रेरित कर किसी न किसी काम में, सामाजिक कार्य में सक्रिय...

मदनदास देवी जी के निधन पर गणमान्य लोगों ने जताया शोक

नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वयोवृद्ध प्रचारक मदन दास देवी जी का बेंगलुरु में देहावसान हो गया. वे विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए...

मदनदास देवी जी के जीवन-मूल्य व स्मृतियां सतत् प्रवाहमान यात्रा में पथ-प्रदर्शक के रूप में उपस्थित रहेंगी – विद्यार्थी परिषद

अभाविप की ध्येय यात्रा के दैदीप्यमान यात्री मदनदास देवी जी का परलोकगमन नई दिल्ली. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री व राष्ट्रीय...

लोकतंत्र में व्यक्ति या संगठन के लिए संविधान के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए – दत्तात्रेय होसबाले जी

आपातकाल के दौरान (1975-1977) की परिस्थितियों, सरकार की दमनकारी नीति, संघ की भूमिका पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी से विश्व संवाद...

भारत को एक समृद्ध, समरस और समर्थ राष्ट्र बनाना है

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि हमारे जीवित रहते ही हम पूरे दुनिया में भारत को एक समृद्ध, समरस और...

स्व. हस्तीमल हिरण की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के आमंत्रित सदस्य वरिष्ठ प्रचारक दिवंगत हस्तीमल हिरण जी की स्मृति में बुधवार को शहर में श्रद्धांजलि...

जीवन के बाद कर्मयोगी हस्तीमल जी की देह भी राष्ट्र को समर्पित

उदयपुर. ‘तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित, चाहता हूं मातृ-भू तुझे कुछ और भी दूं...’ इन पंक्तियों के मर्म को चरितार्थ करते हुए...