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आरोग्य भारती को नस्लवाद से जोड़कर बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा – डॉ. रमेश गौतम

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आरोग्य भारती भारतीय स्वास्थ्य चिन्तन पर आधारित आरोग्य क्षेत्र में कार्यरत अखिल भारतीय स्वयंसेवी संगठन है तथा स्वास्थ्य जागरण के विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में कार्यरत है. आरोग्य भारती द्वारा भारतवर्ष के सामान्य नागरिकों को उत्तम संतति प्राप्ति हेतु चलाये जा रहे गर्भ विज्ञान संस्कार कार्यक्रम के विरुद्ध कुछ मीडिया द्वारा घोर दुष्प्रचार चलाया जा रहा है. विभिन्न समाचार पत्रों और वेबसाइटों पर उपलब्ध लेखों द्वारा यह बताने का प्रयास किया गया है कि यह पूरा कार्यक्रम “उत्तम संतति” हेतु नहीं अपितु एक नस्लवादी कार्यक्रम है, विशेषकर गौर वर्ण को प्रमुखता से इंगित किया गया है, रंग-भेद कभी भी भारत की संस्कृति नहीं रही है. जर्मन नस्लवाद से इस कार्यक्रम को जोड़ कर दिखाने का प्रयास आरोग्य भारती को बदनाम करने का एक सुनियोजित षड़्यंत्र है. आरोग्य भारती इस कुत्सित प्रयास की घोर निंदा करती है.

आरोग्य भारती द्वारा 06-07 मई को कोलकाता में आयोजित गर्भ विज्ञान संस्कार कार्यक्रम को लक्ष्य बनाकर 29.4.2017 को प्रकाशित Times of India अखबार ने यह बताने का प्रयास किया कि यह पूरा कार्यक्रम “उत्तम संतति” हेतु नहीं, अपितु विशेषकर गौर-वर्ण की संतति पैदा करने का एक नस्लवादी कार्यक्रम है. इस समाचार के आधार पर West Bengal Commission for Protection of Child Rights ने इस कार्यक्रम पर प्रतिबन्ध लगाने हेतु एक जनहित याचिका कोलकत्ता उच्च न्यायालय में दाखिल की. आरोग्य भारती की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत प्रतिवाद को सुनकर माननीय न्यायाधीश ने कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने की याचिका को निरस्त कर दिया. अपने निर्णय में मा. न्यायाधीश ने कहा कि……………

“…..It is not the intention of respondent Arogya Bharti to create “designer babies” but to assist pregnant women to have an easy delivery of healthy babies. Therefore in our opinion, the Article which had led to filing of this Public Interest Litigation is prima facie misleading and it is necessary to question why such an Article was published. Therefore we direct the petitioner to add “The Times of India, Times News Network and Jhimli Mukherjee Pandey” as party respondents to this petition.”

गर्भ संस्कार यह वैदिक अधिजनन पद्धति है. दिव्य संपदा युक्त श्रेष्ठ, उत्तम संतति की प्राप्ति हेतु विशिष्ट तपस्वी मनीषियों ने इसकी रचना की है. इस संस्कार पद्धति के वीर अभिमन्यु, भक्त प्रल्हाद जैसे अनेक ऐतिहासिक उदाहरण रहे हैं. आधुनिक विज्ञान भी गर्भिणी द्वारा योग्य आहार-विहार, सुयोग्य श्रवण, चिंतन एवं मनन के सकारात्मक परिणाम को उजागर करता है.

अपने देश की आने वाली नयी पीढ़ी दिव्य एवं श्रेष्ठ गुणों से युक्त हो. इस भूमिका से आरोग्य भारती यह कार्यक्रम समाज में सर्वत्र प्रस्थापित करने का विनम्र प्रयास कर रही है. इस देश के प्रबुद्ध एवं जागरूक नागरिक इस षड्यन्त्र को विफल करेंगे ऐसा विश्वास है.

आरोग्य भारती द्वारा आयोजित कार्यशाला को गलत ढंग से प्रचारित कर आरोग्य भारती तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बदनाम करने के प्रयासों पर आरोग्य भारती के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ. रमेश गौतम द्वारा जारी प्रैस विज्ञप्ति…………

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