शिमला (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि जिन लोगों को भारत, भारतीय और भारतीयता से प्रेम नहीं है, वे लोग देश को छोड़कर जा सकते हैं. इंद्रेश जी 25 अप्रैल सोमवार को पालमपुर में त्रिगर्त अभ्युदय परिषद की ओर से अभिव्यक्ति की आजादी विषय पर आयोजित गोष्ठी को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि जो लोग मां को नहीं मानते और मातृभूमि के प्रति जिनकी निष्ठा नहीं है, वे किसी के सगे नहीं हो सकते. दुनिया आज हिंसा से त्रस्त है, ऐसे में भारत से निकलने वाली भारतीयता की रोशनी ही विश्व का पथ प्रदर्शन कर सकती है. इसी से सत्य और सही का अन्वेषण होगा और लोगों को जीवन जीने की सही पद्धति का पता चलेगा. उन्होंने कहा कि शरीर और कपड़े की मैल निकाली जा सकती है, लेकिन मन और मस्तिष्क की मैल को निकालना आसान नहीं होता. उन्होंने पश्चिम में वर्तमान संस्कृति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वहां पर प्रेम को भोग मान लिया गया है, जबकि प्रेम कोई उपभोग की वस्तु नहीं है. भारतीय संस्कृति में विविध रूपों में प्रेम की उत्कृष्टता के निदर्शन होते हैं. यहां प्रेम सात्विकता और पवित्रता के अर्थों को समाहित किये हुए है. भारतीय संस्कृति के विविध पक्ष विश्व में आज रास्ता दिखाने का काम कर सकते हैं. इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि जो लोग देशद्रोही गतिविधियों में संलिप्त पाये गये, उनकी रिहाई के लिए नेताओं ने जो एकजुटता दिखाई है, वही एकजुटता उन बेकसूर लोगों के लिए कभी नहीं दिखी जो जेलों में सालों से बंद हैं. भारत को अहिंसा का पुजारी देश कहा जाता है, लेकिन इसका मतलब कुछ लोगों ने गुलाम मान लिया है, जिसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम गुलाम होकर जीने के लिए नहीं आये हैं. उन्होंने कहा कि देश की सरकारों और देशवासियों को सशक्त व समृद्ध भारत के लिए अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी, तभी हम अपनी मंजिल प्राप्त कर सकते हैं. समय आ गया है कि जब गलत और सही का मूल्यांकन किया जाए. सत्य और सही के पथ पर निडर होकर चलने की आवश्यकता है, जिससे देश का नाम स्वर्णिम विकास की अग्रिम पंक्ति में लिखा जा सके. इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि भारत एक संवेदनशील देश है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी हमारा नुकसान करता रहे. कार्यक्रम में राकेश विज, आकाशदीप जरयाल, ओमप्रकाश, अश्विनी सहित संघ के कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे.