खराड़ी, पुणे. महिला समन्वय की अखिल भारतीय सह संयोजक भाग्यश्री साठे ने कहा कि महिला सम्मेलन से नारी शक्ति जागृत होगी और महिलाएं संगठित होंगी. वे अपने घरों में भारतीय दर्शन का चिंतन करेंगी और भविष्य में महिलाओं का सक्रिय योगदान ही भारत को दुनिया में विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित करेगा.
राष्ट्र-निर्माण के बहुमूल्य कार्य में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं को एक साथ लाने और चर्चा करने व विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिला शक्ति को जागृत करने के उद्देश्य से खराड़ी स्थित महालक्ष्मी लॉन में कर्म योगिनी-महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया. भाग्यश्री साठे कर्म योगिनी-महिला सम्मेलन में संबोधित कर रही थीं.
पुणे महानगर के पूर्वी भाग में हडपसर, वडगांवशेरी और येरवडा क्षेत्रों में रहने वाले डॉक्टर, पत्रकार, उद्यमी, शिक्षक, शोधकर्ता, सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर, गृहिणियां, बचत गुट, साहित्य, कला, खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों की लगभग 2100 महिलाओं ने सम्मेलन में भाग लिया. सम्मेलन का उद्घाटन पद्मश्री शीतल महाजन ने किया. इस अवसर पर पुलिस अधिकारी मनीषा पाटिल, जिला समन्वयक सुनीता करपे उपस्थित थीं.
शीतल महाजन ने उन बच्चों के माता-पिता को कई महत्वपूर्ण टिप्स बताए जो पारिवारिक, सामाजिक दृष्टिकोण से और वास्तव में स्काई डाइविंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाते हुए इस क्षेत्र में आना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि मानसिक और भावनात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए पारिवारिक मेलजोल और अच्छे दोस्त बहुत महत्वपूर्ण हैं.
समापन सत्र में अभिनेत्री मृणाल कुलकर्णी, मोटिवेशनल स्पीकर श्वेता शालिनी, सुजाता सातव और अर्पणा पाटिल उपस्थित रहीं. मृणाल कुलकर्णी ने फिल्म इंडस्ट्री की कठिनाइयों, अस्थिरता और सही विकल्प के बारे में अनुभव रखे. श्वेता शालिनी ने देश में महिलाओं की स्थिति के आंकड़े पेश किये. उन्होंने स्पष्ट राय व्यक्त की कि महिलाएं सशक्तिकरण नहीं चाहतीं, उन्हें आज ही जागृत करने की आवश्यकता है. सम्मेलन का सूत्र संचालन श्रावणी कृष्णकांत सातव और प्रियदर्शनी पाबले ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ. स्वाती नवगिरे, मेनका उमडेकर और मधुताई हुकमनी ने किया.