नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में यमुना में आयी बाढ़ के पानी का स्तर थोड़ा कम हो गया है, परन्तु नदी के किनारे बसे मुहल्लों में दो से पांच फुट तक पानी अभी भी भरा हुआ है. जिसके कारण कुछ क्षेत्रों के निवासियों के लिए चुनौतियाँ अभी जस की तस बनी हुई हैं. साथ ही सड़कों पर यमुना के पानी के अलावा नाले का पानी, कूड़ा-कचरा और सीवर की गंदगी भी बह रही है. जिसके कारण आने वाले दिनों में कई तरह की बीमारी फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है.
सेवा भारती दिल्ली के कार्यकर्ता प्रारंभ से ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में जुटे हुए हैं. लगभग 250 से अधिक कार्यकर्ता सिग्नेचर ब्रिज, जैतपुर, मयूर विहार, यमुना खादर, बुराड़ी, गांधी नगर, यमुना बैंक, मजनू का टीला, शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन सहित अनेक प्रभावित स्थानों पर राहत कार्यों में दिन-रात जुटे हैं. इन शिविरों में पीड़ितों को तिरपाल, भोजन, पानी, दवाई, बच्चों के लिए दूध और जीवनोपयोगी अन्य सामग्री नि:शुल्क बांटी जा रही है.
समन्यवक “दिल्ली प्रान्त” महामंत्री सुशील गुप्ता के अनुसार “सेवा भारती” समाज के सेवाभावी समर्थ परिवारों और वंचित परिवारों को जोड़ने वाली एक कड़ी है और वर्तमान बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में हम आश्रय, भोजन, पानी एवं स्वास्थ्य सेवा हेतु पूरी तरह प्रयासरत हैं.
विशेष रूप से सिग्नेचर ब्रिज के पास बने शिविरों में पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों को सेवा भारती और कुछ अन्य संगठनों ने सिग्नेचर ब्रिज के पास यमुना नदी के किनारे बसा कर इन लोगों के रोजगार की भी व्यवस्था की थी, लेकिन बाढ़ ने सब समाप्त कर दिया है. फिर से बेघर हुए इन लोगों के लिए फिलहाल सड़क के किनारे तंबू की व्यवस्था की गई है. साथ ही इन्हें फिर से बसाने के लिए सहयोग करने की अपील भी की है. सेवा भारती ने पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए क़रीब 100 परिवारों के पुनर्वास हेतु नागरिकों से आगे बढ़कर सहायता करने की अपील की.