जयपुर. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली की प्रतिवर्ष होने वाली प्रांत संयोजक बैठक जयपुर में प्रारम्भ हुई. अग्रवाल पीजी कॉलेज में आयोजित बैठक का उद्घाटन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी, भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल, अग्रवाल शिक्षा समिति के सदस्य मनोज केड़िया, अग्रवाल पीजी कॉलेज की प्राचार्य मीनल बाफ़ना ने किया.
उद्घाटन सत्र में अतुल कोठारी ने कहा कि न्यास का लक्ष्य देश की शिक्षा को नया विकल्प देना है. यह सिर्फ़ नारा नहीं है, न्यास कोई भी बात करता है वो पहले प्रत्यक्ष अनुभव करता है, उसके बाद बोलता है और यही भारतीय पद्धति व परम्परा है. हमारा सौभाग्य है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 आयी जो देश का भविष्य बदलने वाली है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सरकार और समाज दो पहिए की तरह हैं, दोनों के समन्वय और संतुलन से ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन सम्भव है.
बैठक की अध्यक्षता कर रहीं डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि 7 वर्ष पहले अतुल कोठारी जी ने अपनी पुस्तक उच्च शिक्षा भारतीय दृष्टि में, जो लिखा है उसमें से अधिकतम बातें राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आयी हैं. अग्रवाल शिक्षा समिति के सदस्य मनोज केड़िया ने देशभर से आए सभी कार्यकर्ता बंधुओं का स्वागत किया.
बैठक के विषय में क्षेत्र संयोजक चंद्रशेखर कछावा जी ने बताया कि दो दिवसीय बैठक में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के कार्यों का अनुवर्तन व आगामी योजना पर चर्चा हुई. आगामी योजना के अंतर्गत न्यास वैदिक अंक गणित, बीज गणित, ज्यामिति का पाठ्यक्रम तैयार कर रहा है, साथ ही शोध, पर्यावरण, तकनीकी, चरित्र निर्माण, शिक्षक-शिक्षा जैसे न्यास के सभी विषयों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी व कार्यशाला आयोजित करेगा.
शिक्षा में स्वायत्तता विषय के राष्ट्रीय संयोजक दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने बताया कि बैठक के दूसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी पूरे दिन सभी सत्रों में विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे. दूसरे दिन देशभर के चयनित 15 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपति बैठक में सहभागिता करेंगे. उसके पश्चात सार्वजनिक कार्यक्रम में सायं 5 बजे अग्रवाल पी जी कॉलेज के सभागार में शिक्षा में भारतीयता और व्यवस्था परिवर्तन विषय पर दत्तात्रेय होसबाले जी द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा, जिसमें राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी मुख्यरूप से उपस्थित रहेंगे.
दो दिवसीय बैठक में उत्तर पूर्व, बंगाल, केरल, तमिलनाडु, जम्मू, हरियाणा, गुजरात सहित 30 से अधिक प्रांतों से 150 से अधिक प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित हैं.