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इंदौर – 8 साल के नाबालिग जैन बच्चे का खतना, आरोपी इलियास के प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़ रहे तार

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इंदौर (विसंकें). पिछले दिनों 8 साल के मनन जैन को उसके पिता से दूर कर मनान अहमद बनाने का मामला सामने आया है. मामले में आरोपी इलियास के तार प्रतिबंधित पीएफआई जैसे कट्टरपंथी संगठन से जुड़े होने की बात भी सामने आ रही है.

राजस्थान के बाड़मेर निवासी महेश कुमार जैन का विवाह जून 2014 में मध्यप्रदेश के शाजापुर निवासी प्रार्थना शिवहरे के साथ हुआ था. जुलाई 2015 में प्रार्थना और महेश जैन को पुत्र हुआ, नाम मनन जैन रखा गया.

2018 में प्रार्थना अपने मायके शाजापुर एक विवाह में आती है, इसी दौरान इलियास ने प्रार्थना का ब्रेनवॉश कर लव जिहाद में फंसा लिया. जब प्रार्थना वापस अपने पति के साथ ससुराल जा रही होती है, तो बस में रतलाम में पति महेश को चकमा देकर शाजापुर निवासी इलियास कुरैशी और उसके दोस्त, बेटे मनन के साथ प्रार्थना को भगाकर ले जाते हैं. तब बालक की उम्र मात्र 3 तीन साल रही होगी.

महेश पत्नी -बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट रतलाम में दर्ज करवाता है. पुलिस द्वारा खोजबीन करने पर प्रार्थना की लोकेशन गुजरात अहमदाबाद में मिलती है. पुलिस दोनों को बुलाकर बयान लेती है, क्योंकि प्रार्थना इलियास के साथ ही जाना चाहती है और बालक कानूनन मां की अभिरक्षा में ही रहता है. इसलिए पुलिस उन्हें जाने देती है.

महेश अपने बच्चे के जीवन की रक्षा के लिए कई प्रयास करता है, राजस्थान में प्रकरण -आवेदन दर्ज करवाता है, उसे यह करने पर कई बार धमकी भरे फोन भी आते थे.

बार -बार जगह बदलने और मोबाइल बदलने के कारण इलियास पकड़ में नहीं आता, किंतु जुलाई माह में वह प्रार्थना और मनन के साथ इंदौर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र खजराना से पकड़ में आया. अब मनन की आयु लगभग 8 वर्ष हो गई है.

इलियास के पकड़ में आने के बाद कई खुलासे हो रहे हैं.

  1. इलियास ने बालक मनन जैन का नाम बदलकर मनान अहमद रख दिया है और जन्म प्रमाण पत्र में भी उसका यही परिवर्तित नाम है, पिता के नाम के स्थान पर इलियास अहमद लिखा हुआ है.
  2. फोर्स्ड कन्वर्जन कर नाबालिग बच्चे को मुस्लिम बना दिया है, साथ ही उसका “खतना” भी कर दिया है जो मेडिकल में प्रमाणित हुआ है.
  3. इलियास का संबंध प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन PFI से होने के तथ्य सामने आ रहे हैं.
  4. 8 वर्ष का हो जाने पर भी मनन को स्कूल नहीं भेजा गया, जबकि 6 वर्ष की आयु तक बच्चों का स्कूल में प्रवेश आवश्यक है. उसे इस वर्ष मजहबी तालीम देने के लिए “मदरसे” में भेजा जा रहा है.
  5. अनेक शहरों के मुस्लिम बहुल इलाकों ने इलियास को पनाह देने, पुलिस से बचने में सहयोग किया. इलियास ने मोबाइल बदला ताकि उसे पुलिस पकड़ न पाए, इस हेतु उसे आर्थिक सहायता भी की गई होगी.

इलियास कुरैशी पर बालक का फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने, खतना करवाने और मतांतरण करने पर खजराना थाना में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 एवं मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

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