करंट टॉपिक्स

संविधान की हत्या करने वाली तानाशाही के स्वर्णिम किस्से..!!

कृष्णमुरारी त्रिपाठी देश में गाहे-बगाहे इमरजेंसी, तानाशाही, हिटलरशाही जैसे शब्द सुनाई देते रहते हैं. हताशा से भरा एक वर्ग अपना राग अलापता रहता है. लोकतंत्र...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सत्यानारायण का निधन

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सत्यनारायण का 91 वर्ष की आयु में मंगलवार रात्रि को निधन हो गया. वे गत दो माह से...

कर्मयोगी रंगा हरि जी नहीं रहे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक, बौद्धिक योद्धा, कर्मयोगी रंगा हरि जी का रविवार प्रातः लगभग 7 बजे कोच्चि के अमृता अस्पताल में दुःखद निधन...

वीरेश्वर द्विवेदी जी अभाव में भी सहज रहते थे – दिनेश चंद्र जी (मार्गदर्शक, विहिप)

लखनऊ. राष्ट्रधर्म पत्रिका के पूर्व सम्पादक एवं विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व केन्द्रीय मंत्री संघ के वरिष्ठ प्रचारक स्व. वीरेश्वर द्विवेदी जी की स्मृति में...

‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ – 1947 में योजना बनाकर हिन्दुओं और सिक्खों का नरसंहार किया गया

राजीव तुली आज देश 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मना रहा है. सात दशक से भी अधिक पहले 14 अगस्त, 1947 को भारत को बांटकर दो...

आपातकाल के समय जो जेल में थे और जो बाहर थे, सबने कष्ट झेले – सुनील देशपांडे जी

इंदौर. आपातकाल में देश के विभिन्न स्थानों पर मीसाबंदी रहे ज़ननायकों को किस प्रकार यातना दी गई और देश के लोकतन्त्र पर किस तरह कुठाराघात...

आपातकाल में समस्त लोकतांत्रिक अधिकार समाप्त कर दिए गए थे – हरेन्द्र कुमार

शिमला. पंडित दीनदयाल उपाध्याय पीठ हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय तथा विश्व संवाद केन्द्र शिमला (हिमाचल प्रदेश प्रांत) के संयुक्त तत्वाधान में ‘आपातकाल की विभीषिका’ विषय पर...

लोकतंत्र में व्यक्ति या संगठन के लिए संविधान के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए – दत्तात्रेय होसबाले जी

आपातकाल के दौरान (1975-1977) की परिस्थितियों, सरकार की दमनकारी नीति, संघ की भूमिका पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी से विश्व संवाद...

स्‍मृतियों के मोती – यथावत है आपातकाल का दर्द; आज की पीढ़ी भी समझे!

डॉ. मयंक चतुर्वेदी सुबह का समय था, समूचे देश ने रेडियो पर तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आवाज में संदेश सुना, 'भाइयों और बहनों, राष्ट्रपति...

स्वतंत्र भारत के इतिहास का काला अध्याय ‘न भूतो, न भविष्यति’

शशिकांत चौथाईवाले पूर्वोत्तर भारत - “आपातकाल के काले दिन की यादें” 26 जून, 1975 उत्तर गुवाहाटी के आउनी आरी सत्र (मंदिर) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ...