करंट टॉपिक्स

अभाविप की दो-दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक की पुडुचेरी में प्रारंभ

मांग - पेपरलीक की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण, कड़े कदम उठाए सरकार पुडुचेरी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की दो दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक (27-28 फरवरी) का...

हिन्दुओं में रामत्व के प्रसार के साथ संस्कारित व सबल हिन्दू समाज बनाएंगे – बजरंग लाल बागड़ा

अयोध्या. विश्व हिन्दू परिषद की केंद्रीय प्रन्यासी मंडल व प्रबंध समिति की त्रिदिवसीय बैठक आज उत्तर प्रदेश के अयोध्या धाम के पवित्र स्थल कारसेवकपुरम् में...

‘स्वर जिजाई’ – छत्रपति शिवाजी महाराज सर्वकालिक प्रेरक व्यक्तित्व हैं

नागपुर. शिवराज्याभिषेक समारोह समिति, शंकर नगर तथा राष्ट्र सेविका समिति, उमा शाखा द्वारा 'स्वर जिजाई' संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन महर्षि व्यास सभागृह, रेशीमबाग, नागपुर में...

श्रीराम की संस्कृति, संस्कार, आचरण भी हर व्यक्ति के जीवन में आना आवश्यक – डॉ. मोहन भागवत जी

समाज में अस्पृश्यता का भाव नहीं चाहिए धामणगाँव रेलवे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि समाज में अच्छे भाव,...

शुद्ध चारित्र्य के कारण राम विजयी हुए – डॉ. मोहन भागवत जी

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि मनुष्य में सत्व, राजस एवं तमस, ऐसे तीन गुण वास करते हैं....

घुमंतू समाज के ज्ञान से पूरे समाज को लाभ हुआ – डॉ. मोहन भागवत जी

जालना. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि घुमंतू समाज अपने व्यवसाय के लिए नहीं, बल्कि धर्म के लिए जीता...

आर्थिकी का आधार

प्रमोद भार्गव भारत में मुख्यधारा की पत्रकारिता धर्म आधारित पत्रकारिता के सामाजिक सरोकारों से लगभग दूर ही रही है. संवैधानिक पदों पर बैठे नेता मंदिरों...

पुणे – ललिता कला केंद्र में नाटक में आपत्तिजनक भाषा को लेकर विवाद

पुणे. आपत्तिजनक संवादों के कारण सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के ललित कला केंद्र में 'रामलीला' से संबंधित नाटक का मंचन रोक दिया गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने...

समरसता हमारी संस्कृति का मूल स्वभाव, विविधता हमारी समृद्ध विरासत की पहचान

सामाजिक समरसता में कला और साहित्य की भूमिका पर आधारित रहा दूसरा दिन बेंगलुरु. "अखिल भारतीय कलासाधक संगम" के दूसरे दिन सामाजिक समरसता निर्माण में...

नारी सम्मान के प्रति संकल्पबद्ध श्री राम

"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः. यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः.." प्राचीन ग्रंथ मनुस्मृति का ये श्लोक है, इसका अर्थ है - जहाँ नारी की...