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गाय के संवर्धन का यह प्रकल्प देश को विश्व पटल पर अग्रणी बनाएगा – डॉ. मोहन भागवत जी

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वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण

फरह, मथुरा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने दीनदयाल गऊ ग्राम परखम में दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण के पश्चात ग्रामीणों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि दीनदयाल जी ने एक अंत्योदय मंत्र दिया था, जिसका अर्थ है कि समाज के अन्तिम लाइन में खड़े व्यक्ति की उन्नति वास्तविक उन्नति है. वही देश की उन्नति में अग्रसर होता है.

उन्होंने कहा कि इस बार मैं यहाँ आया हूँ, गाय के संवर्धन का यह प्रकल्प देश को विश्व पटल पर अग्रणी बनाएगा. प्रकल्प की प्रेरणा हमें प्राचीन काल से मिलती है. जिससे भारत हमेशा भारत रहता है. जो हमारा पालन करती है, वह हमारी माता है. चाहे वह गाय के रूप में हो, नदी के रूप में हो, धरती के रूप में हो. हम इन सभी के कृतज्ञ हैं. इनसे प्रेरणा लेकर इनके लिए कुछ करना ही मानव जीवन है. यह सब हमें परम्पराओं ने सिखाया है. यह हमारी आत्मा है जो सभी को स्वच्छ रखती है. निरंतर गौ सेवा से हमने इसे प्रत्यक्ष पाया है.

उन्होंने कहा कि देशी गाय के दूध की महिमा पूरा विश्व समझता है. बड़ी संख्या में गौ संवर्धन और गौशाला का निर्माण हो रहा है, लेकिन हम अपनी श्रद्धा को भूल गए हैं. भारत का उत्थान कब होता है, जब धर्म का स्थान होता है. पूरे विश्व को उसकी भाषा में समझाने के लिए आयुर्विज्ञान केन्द्र, पंचगव्य संस्थान यह महत्वाकाँक्षी योजनाएँ हैं जो विश्व को भारत ने दी हैं. यह एक संकल्प है, जिसके लिए हमें सतत प्रयास करते रहना है. यह भारत की भूमि को गौरवान्वित करने का उपकरण है. हम सभी को भी गौ सेवा में हाथ बंटाना है. गौ को माता कहना है तो उनके पुत्र का कर्तव्य भी हमें निभाना है. कर्तव्य के लिए सेवा करेंगे, उसे अपने पास रखेंगें तभी गौ सेवा का संकल्प पूर्ण होगा. यहाँ गौ सेवा के लिए आश्रय स्थल भवन बनने जा रहा है, जिससे गाय की सेवा में कोई कमी नहीं रहेगी.

सरसंघचालक जी ने कहा कि मैं जब भी दीनदयाल धाम आता हूँ, मुझे आनन्द की अनुभूति होती है. इस परिसर का प्रकल्प हर बार पांच कदम आगे रहता है. सन् 1983 में प्रथम बार मैं नगला चन्द्रभान आया था. जब दीनदयाल जी के छोटे से घर का भूमि पूजन था. मेरे साथ नाना जी देशमुख, भाऊराव देवरस, अटल जी थे. बारिश आ जाने के बावजूद भूमि पूजन का कार्य भीगते हुए सम्पन्न किया गया. सन् 2009 में सरकार्यवाह रहते हुए दूसरी बार यहाँ आया, तब प्रकल्पों का थोड़ा कार्य शुरू हो चुका था.

समिति के मंत्री हरीशंकर ने कहा कि दीनदयाल धाम की स्थापना सन् 1988 में भाऊराव देवरस ने की थी. स्व. ओमप्रकाश जी की प्रेरणा से यहाँ गौशाला का निर्माण हुआ. इस अनुसंधान केन्द्र का 07 मई 2023 को शंकरलाल जी ने भूमि पूजन कर शुभारम्भ किया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गौ संवर्धन गतिविधि के अ.भा. प्रमुख शंकर लाल ने कहा कि यह केन्द्र भारत ही नहीं, अपितु पूरे विश्व के लिए गौ माता की सेवा का अनूठा प्रकल्प बनेगा. देशी गायों का पालन करने से भारत स्वावलम्बी, और रोग मुक्त भारत बनेगा. गौ माता के घी से बुद्धि तीक्ष्ण होती है. गाय के दूध से कुपोषण समाप्त होता है. आने वाले समय में नशामुक्त भारत बनाने में गाय की अहम भूमिका रहेगी.

हंस फाउंडेशन की मंगलमाता ने आशीर्वचन प्रदान किया. दीदी मां साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि गौ माता वात्सल्य जननी है. गौ महिमा साधारण व्यक्ति के बिना व्यक्त नहीं की जा सकती. गौ माता कचरे से भूख मिटाती है तो दिल को दर्द होता है. धरती को माता कहते हैं, लेकिन रासायनिक खाद से गोद को छलनी किया जा रहा है. लेकिन इस अनुसंधान केन्द्र के निर्माण से इन सब चीजों पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा. सारे विश्व का कल्याण इस अनुसंधान केन्द्र से होगा.

कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन जी भागवत ने दीनदयाल बुनकर केंद्र व गोबर के बायोगैस चलित जनरेटर प्लांट का लोकार्पण व आयुष पशु चिकित्सा संस्थान का शिलान्यास किया. साथ ही गाय पर बनने वाली फिल्म गोदान के पोस्टर का विमोचन किया.

इस अवसर पर मुकेश जैन, अजय वंशकार को विश्वकर्मा सम्मान दिया गया. अनुसंधान केंद्र में संचालित  होने वाले पाठ्यक्रम पुस्तकों का विमोचन किया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कामधेनु गौशाला समिति अध्यक्ष महेश गुप्ता ने, संचालन अतुल कृष्ण भारद्वाज एवं धन्यवाद प्रांत सह प्रचार प्रमुख कीर्ति कुमार ने किया.

 

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