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“वाट लगा दी दादा जी” – पाकिस्तानी पत्रकार का छलका दर्द, बंटवारे के वक्त भारत छोड़ पाकिस्तान चले गए थे पूर्वज

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नई दिल्ली. पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. आर्थिक खस्ताहाली के चलते भुखमरी और गरीबी अपने चरम पर है. लिहाज़ा पाकिस्तान की जनता दाने-दाने को तरस रही है. पाकिस्तान में खाने-पीने के भी लाले पड़ गए हैं. जनता आपस में आटे, रोटी और ब्रेड के लिए मरने मारने को आतुर है. आटे के लिए मची लूटमार में अब तक 13 लोगों की मौत भी हो चुकी है.

पाकिस्तान में महंगाई ने 50 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जो लोग बंटवारे के दौरान पाकिस्तान इस आस में गए थे कि वहाँ उन्हें बेहतर ज़िंदगी जीने को मिलेगी, आज उनकी पीढ़ियाँ पाकिस्तान छोड़ना चाहती हैं. अपने पूर्वजों के फ़ैसले पर उन्हें अफ़सोस हो रहा है.

दरअसल, सोशल मीडिया पर इस्लामाबाद की रहने वाली जानी मानी पत्रकार आरजू काजमी का एक ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है.

आरजू काजमी (Arzoo Kazmi) ने अपने पूर्वजों के 1947 में भारत से पाकिस्तान चले जाने के फैसले पर दुःख जताते हुए 01 अप्रैल, 2023 को ट्वीट किया. अपने ट्वीट में आरज़ू काज़मी ने लिखा – “मेरे भाइयों और परिवार के अन्य सभी सदस्यों को लगता है कि उनका पाकिस्तान में कोई भविष्य नहीं है. मेरे दादाजी और उनका परिवार बेहतर भविष्य के लिए प्रयागराज और दिल्ली से बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चला आया था.

वाट लगा दी दादा जी.”

ग़ौरतलब है कि आरज़ू काजमी भारतीय न्यूज़ चैनलों पर परिचर्चा के दौरान अक्सर नज़र आती हैं. वह कई मसलों पर भारत की तारीफ भी करती रही हैं. इसके अलावा वह पाकिस्तानी सरकार और सेना की भी घोर आलोचक रही हैं. आरज़ू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में ग्रेजुएशन किया है और कई मीडिया संस्थानों से जुड़ी रही हैं.

आरज़ू काज़मी का ये दर्द जायज़ भी है. क्योंकि जिस पाकिस्तान की ये बात कर रही हैं, वहाँ विकास के नाम पर सिर्फ़ आतंकवाद को पाल-पोस कर बड़ा किया जाता है. दोस्ती को आड़ में पीठ पीछे वार करने का काम किया जाता रहा है. आज पाकिस्तान की मौजूदा हालत उसके ही कुकर्मों का फल है.

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