करंट टॉपिक्स

अनुच्छेद 370 पर भ्रांतियां ही विवाद का कारण

Spread the love

नई दिल्ली (इ.प्र.वि.सं.के). संविधान के अनुच्छेद 370 पर अत्यधिक विवादों का कारण इसके बारे में व्याप्त भ्रांतियां हैं और इनका निराकरण संभव है. जम्मू-कश्मीर की समस्या वास्तव में अनुच्छेद 370 के संवैधानिक दुरुपयोग से जुड़ी  है, जिसकी जानकारी का प्रसार आवश्यक है.

माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा हिंदी एवं अंग्रेजी में प्रकाशित पुस्तिका ‘धारा 370 के प्रभावों का विश्लेषण’ के लोकार्पण समारोह के अवसर पर 9 सितम्बर को यहां आयोजित परिसंवाद में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के श्री अरुण कुमार कहा कि अनुच्छेद 370 के बारे में सही जानकारी के प्रसार के लिये तीन स्तरों पर प्रयास करने होंगे. पहला प्रयास यहां के शैक्षिक जगत को करना होगा. वह इसकी संवैधानिक स्थिति के बारे में सही जानकारियां प्रस्तुत करने वाली सामग्री तैयार करे. दूसरा प्रयास देश के मीडिया को करना होगा कि वह ऐसी सामग्री को सही ढंग से प्रकाशित प्रसारित करे. तीसरा काम कानूनविदों को करना है. उन्हें इस संवैधानिक दुरुपयोग का समाधान प्रस्तुत करना चाहिये.

इससे पूर्व वरिष्ठ पत्रकार एन के सिंह ने कहा कि मीडिया की अपनी सीमायें हैं, परंतु इस विषय पर वास्तव में काम किये जाने की आवश्यकता है. पुस्तक के लेखक श्री संत कुमार शर्मा ने पुस्तक का परिचय देते हुए अपने शोध निष्कर्षों की चर्चा की और बताया कि अनुच्छेद 370 उन्हें जम्मू-कश्मीर को भारत से जोड़ने वाला नहीं बल्कि एक बाधा प्रतीत लगा. उन्होने बताया कि राज्य के सकल बजट से कहीं अधिक राशि इस अनुच्छेद के कारण राज्य को केन्द्र से नहीं मिल पा रही है.

माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति श्री बृजकिशोर कुठियाला ने कहा कि मीडिया का काम विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर सही दृष्टिकोण प्रस्तुत करना है. विश्वविद्यालय इस काम को पहले से करता आ रहा है. जनजातीय समाज के बारे में फैले भ्रम को दूर करने के लिये विश्वविद्यालय द्वारा शोध कराने के बाद अब जम्मू-कश्मीर के बारे में फैले भ्रमों को दूर करने के लिये शोध कराया गया है.

कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ व वरिष्ठ पत्रकार जवाहरलाल कौल, पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर सहित बड़ी संख्या में पत्रकार और प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन माखनलाल विश्वविद्यालय के सह प्राध्यापक डा. सौरभ मालवीय ने किया. परिसंवाद का विषय प्रवर्तन जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र के निदेशक श्री आशुतोष ने किया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *