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आलोचनाओं के बावजूद डिसूजा अपने बयान पर कायम

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पणजी. गोवा के उप मुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा के इस बयान ने राजनीतिक, धार्मिक एवं   मीडिया क्षेत्रों में भारी हलचल मचा दी है कि जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है और हमेशा रहेगा. उन्होंने गत 25 जुलाई को यह भी कहा था, “भारत एक हिंदू राष्ट्र है. यह हिंदुस्थान है. हिंदुस्थान में रहने वाले सभी भारतीय हिंदू हैं. मैं भी एक हिंदू हूं. मैं एक ईसाई हिंदू हूं.”

चर्च से श्री डिसूजा को समाज से बहिष्कृत करने की मांग कर डाली है. नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई के प्रवक्ता ट्रोजानो डिमेलो मांग कर रहे हैं कि गोवा के रोमन कैथोलिक चर्च को श्री डिसूजा को समाज से बहिष्कृत कर देना चाहिये. राज्य का ईसाई समुदाय उप मुख्यमंत्री की आलोचना कर रहा है. गोवा की कुल जनसंख्या का 26 फीसदी ईसाई हैं. फादर एरमिटो रिबेलो ने कह डाला, “ वे स्वयं को हिंदू-ईसाई कैसे कह सकते हैं? उन्हें खुद को इंडियन ईसाई कहना चाहिये.”

चारों तरफ से आलोचनाओं से घिरने के बावजूद श्री डिसूजा ने 28 जुलाई को यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “यदि किसी की भावनायें मुझसे आहत हुईं हैं तो मुझे उसका दुख है. मैं जो महसूस करता हूं, उसे मैंने कहा. आपके मुताबिक मेरा नजरिया गलत हो सकता है. लेकिन अपने लिये मैं सही हूं.”

उनके इस बयान को राष्ट्रीय मीडिया ने इस तरह प्रसारित किया कि उन्होंने अपने उक्त बयान के लिये माफी मांग ली है, जबकि वह अपने मूल बयान पर कायम हैं, सिर्फ यह कह रहे हैं कि उनके नजरिये से कोई हत होता है तो उसका उन्हें दुख है.

उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्होंने हिन्दू शब्द का उल्लेख धर्म के तौर पर नहीं किया. उन्होंने कहा, “हिंदू मेरी संस्कृति है और ईसाई मेरा धर्म है. मैं जब हिंदू कहता हूं, इसका मतलब संस्कृति है, न कि धर्म.” उन्होंने यह भी कहा, “हिंदू संस्कृति 5000 वर्ष पुरानी है जबकि मेरा धर्म 2000 वर्ष पुराना है.”

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