पटना (विसंकें). कोरोना संक्रमण काल में भारतीय रेल नित्य नये कीर्तिमान स्थापित कर रही है. सुपर एनाकोंडा के बाद शेषनाग का भी सफल परिचालन हुआ. इस मालगाड़ी की लंबाई 2.8 किमी है. इसमें 251 डिब्बे, नौ इंजन और 4 वैनगार्ड लगे हुए हैं. इसे 01 जुलाई को नागपुर डिवीजन के परमलकासा स्टेशन से दिन के 12.20 बजे रवाना किया गया. शेषनाग ने 260 किमी की दूरी 6 घंटे में तय की. छत्तीसगढ़ के कोरबा यह शाम को 6.20 बजे पहुंची.
इतनी लंबी मालगाड़ी का संचालन रेलवे के लिए विशेष रहा. 04 मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर शेषनाग चलाया गया. 06 हजार हार्स पावर के चार इंजनों को एकसाथ इस्तेमाल किया गया. 24 हजार हॉर्स पावर की इस मालगाड़ी का पहले खाली पटरी पर ट्रायल किया गया था. यह अब तक की सबसे लंबी मालगाड़ी है. इतनी लंबी मालगाड़ियों को डीपीसीएस (डिस्ट्रीब्यूटेड कंट्रोल सिस्टम) द्वारा चलाया जाता है. इसमें पहला इंजन पूरी ट्रेन को नियंत्रित करता है, जबकि बाकी के इंजन बोगियों को खींचने का काम करते हैं.
इससे पूर्व रेलवे ने सुपर एनाकोंडा मालगाड़ी का परिचालन किया था. सुपर एनाकोंडा 30 जून को रायपुर डिविजन के भिलाई से साउथ इस्टर्न रेलवे तक चली थी. इस मालगाड़ी में 177 वैगन थे. इसकी लंबाई 1.9 किलोमीटर थी. एनाकोंडा में 1 करोड़ रूपये का कोयला लोड कर लाजपुरा से राउरकेला के बीच 120 किमी चलाया गया था. इसने यह दूरी तकरीबन 2.15 घंटे में तय की.
रेलवे अधिकारी 3 और 4 मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर चलाए जाने से बेहद रोमांचित थे. कोरोना काल में मालगाड़ी लोगों के लिए अन्नपूर्णा बनी हुई है. शेषनाग और सुपर एनाकोंडा के अलावा रेलवे द्वारा अन्नपूर्णा, अंबा और अंत्योदय मालगाड़ियां भी चलाई जा रही है. गत दो महीने में 92 लाख टन माल को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने में ये मालगाड़ियां कामयाब रही हैं. इससे रेलवे को 1 हजार 418 करोड़ 50 लाख रुपये का मुनाफा हुआ. अन्नपूर्णा मालगाड़ी 13 राज्यों तक पहुंची. अंत्योदय 13 राज्यों तक और अंबा 11 राज्यों तक अन्न भंडार पहुंचा चुकी हैं.