नई दिल्ली (इंविसंकें). विद्या भारती द्वारा 11 से 14 फरवरी, 2016 तक अखिल भारतीय प्राचार्य सम्मलेन का आयोजन नई दिल्ली में किया जा रहा है. जिसमें 1300 से अधिक विद्या भारती के वरिष्ठ माध्यमिक (सी.से.) स्कूलों के प्राचार्य उपस्थित रहेंगे. जिन्हें 12 फरवरी, 2016 को सुबह 10 बजे महाशय चुनीलाल सरस्वती बाल मंदिर, नई दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी जी, सायं 04 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में मा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी संबोधित करेंगे. विद्या भारती अखिल शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय मंत्री शिव कुमार जी ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय सेवा भारती के कार्यालय में आयोजित प्रेस-वार्ता में जानकारी दी. प्रेस वार्ता में शिव कुमार जी के अलावा राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी, राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री जेएम काशीपति जी उपस्थित थे. शिव कुमार जी ने सम्मलेन के सम्बंध में बताया कि चार दिवसीय अखिल भारतीय प्राचार्य सम्मलेन 2015-16 का मुख्य उद्देश्य है – “सामाजिक एवं शैक्षिक संदर्भों में प्राचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका कैसी हो ? जिस आधार पर समाज का ऐसा निर्माण किया जा सके, जो भविष्य में उत्कृष्ट नागरिक बनाने में विद्यालयों का संचालन कर सके.”
डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी जी ने विद्या भारती के प्रारूप और लक्ष्य के बारे में बताते हुए कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाला राष्ट्रीय संगठन है. जिसका लक्ष्य है – “वैसी राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का विकास करना, जिसके द्वारा ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण हो सके, जो राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत हो, शारीरिक, प्राणिक, मानसिक, बौद्धिक एवं अध्यात्मिक दृष्टि से पूर्ण विकसित हो तथा जो जीवन की वर्तमान चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सकें और उसका जीवन ग्रामों, वनों, गिरिकन्दराओं एवं झुग्गी-झोपड़ियों में निवास करने वाले दीन-दुःखी अभावग्रस्त अपने बंधुओं को सामाजिक कुरीतियों, शोषण एवं अन्याय से मुक्त कराकर राष्ट्र जीवन को समरस, सुसंपन्न एवं सुसंस्कृत बनाने के लिए समर्पित हो.”
जेएम काशीपति जी ने विद्या भारती के देशभर में संचालित विद्यालयों की रूपरेखा और समाज में योगदान के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विद्या भारती सम्पूर्ण देश में 12,363 औपचारिक विद्यालय, 32,06,212 अध्ययनरत भैय्या-बहन, 1,35,500 आचार्य-आचार्याओं, 03 लाख विविध शिक्षाविदों, 25 लाख अभिभावक परिवार तथा 15 लाख पूर्व छात्रों के साथ शिक्षा जगत में सक्रिय योगदान दे रही है. औपचारिक शिक्षा के साथ नगर की सेवा-बस्तियों तथा विविध संवेदनशील क्षेत्रों में 12,001 एकल शिक्षक विद्यालय एवं सरस्वती संस्कार केंद्र जिनमें 11,143 आचार्यों के सफल मार्गदर्शन में 02,45,403 भैय्या-बहन शिक्षा एवं संस्कार ग्रहण कर रहे हैं.