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चीन, भारत के ‘पंचशील’ का उत्तर ‘‘पंच शूल’’ के रूप में दे रहा है – कश्मीरी लाल जी

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नई दिल्ली. चीन भारत के ‘पंचशील’ का उत्तर ‘‘पंच शूल’’ के रूप में दे रहा है. आर्थिक-सामरिक-पर्यावरणीय बेरोजगारी तथा मानवता के लिए संकट रूपी इन पांच शूलों से उत्पन्न खतरों के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए स्वदेशी जागरण मंच ने इस वर्ष दिनांक 12 जनवरी से ‘‘राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा अभियान’’ प्रारम्भ किया है. इस अभियान के अन्तर्गत देश में चीनी माल के बहिष्कार हेतु 01 करोड़ से अधिक नागरिकों ने अभियान के संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर करके अपना समर्थन दिया है. 09-10 अगस्त को 500 जिलों में प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपे गए हैं. देशभर में सम्मलेन, धरना-प्रदर्शन, पुतला दहन, जनसभा, मशाल जुलूस जैसे हजारों कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. 10 भाषाओं में प्रकाशित 8 लाख पुस्तकों व 3 करोड़ हैंड बिल का वितरण भी किया गया है.

बाबा रामदेव जी, संत समाज के प्रमुख महानुभाव, तारक मेहता का उल्टा चश्मा के कलाकार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ अधिकारी, महामहिम राज्यपाल महोदय, केन्द्रीय मंत्री, राज्य विधान सभाओं के अध्यक्ष, सांसदों, विधायकों, विविध सामाजिक संगठनों, कृषि उद्योग व्यापार मजदूर संगठनों सहित समाज के सभी वर्गों ने हस्ताक्षर करके अभियान को अपना समर्थन दिया है.

स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा अभियान का समापन दिनांक 29 अक्टूबर 2017 को रामलीला मैदान, दिल्ली में आयोजित विशाल रैली के साथ होगा. इसमें देश भर से लाखों की संख्या में नागरिक, समाज के प्रत्येक वर्ग के प्रबुद्ध एवं गणमान्य महानुभाव, संत महात्मा, विचारक, चिंतक व मंच के अनेकानेक कार्यकर्ता भाग लेंगे. विश्वास है कि यह रैली देश की अर्थिक नीतियों की भविष्य में दिशा व दशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण घटना सिद्ध होगी. इसी रैली से ही स्वदेशी जागरण मंच की भावी रणनीति का मार्ग भी निकलेगा.

चीनी माल का आयात करने से जहाँ एक ओर अर्थव्यवस्था में गिरावट आ रही है, लघु उद्योग बंद हो रहे हैं. बेरोजगारी बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर भारत को 190 देशों से हो रहे 118 बिलियन डॉलर के कुल व्यापार घाटे में से 52 बिलियन डॉलर का वार्षिक घाटा अकेले चीन से हो रहा है. चीन का वैश्विक उत्पादन में हिस्सा 22 प्रतिशत हो गया है, जबकि भारत का हिस्सा मात्र 2.1 प्रतिशत ही रह गया है.

चीन, भारत से लगभग 04 लाख करोड़ रुपये का व्यापार लाभ अर्जित कर रहा है. इसमें एक मोटे अनुमान के अनुसार अंडर इनवाईसिंग अन्य देशों से होकर आयात व अवैध तरीकों से आयात का 2.5 लाख करोड़ भी जोड़ लिया जाए तो यह व्यापार लाभ 6.5 लाख करोड़ रुपये हो जाता है. यदि इस व्यापार लाभ पर 12 प्रतिशत की दर से भी मुनाफा लगाया जाए तो चीन, भारत से प्रतिवर्ष लगभग 72 हजार करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा भी अर्जित कर रहा है. इतना लाभ भारत से अर्जित करने के बाद वह भारत को बार-बार परेशान करता है. चाहे एनएसजी का मामला हो, मसूद अजहर हो, भारत के भू-भाग पर कब्जा हो या फिर अन्य मामले हों. यह चिंता का विषय है.

स्वदेशी जागरण मंच द्वारा वर्ष भर चलाए गए अभियान के फलस्वरूप चीनी माल की बिक्री में भारी कमी आने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं. जहाँ इस वर्ष चीन से व्यापार घाटा जो हर वर्ष बढ़ रहा था, उसमें 2 बिलियन डॉलर की कमी आई है, दूसरी ओर सरकार पर भी भारी जन दबाव बना है. जिसके कारण सरकार ने चीन से स्टील आयात पर 18 प्रतिशत की एंटी डम्पिंग ड्यूटी लगाई है, पटाखों पतंग का मांझा, प्लास्टिक के कुछ उत्पादों आदि के आयात पर प्रतिबंध लगाया, वन बेल्ट वन रोड परियोजना के लिए चीन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में निमंत्रण के बावजूद भी अनुपस्थित रहकर कड़ा संदेश दिया है. यद्यपि सरकार से हमारी अपेक्षाओं की सूची लम्बी है, तथापि डोकलाम विवाद पर सरकार की मजबूती सराहनीय है.

नई दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल जी द्वारा जारी प्रैस विज्ञप्ति

 

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