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जुड़ रहे हैं युवा, तेजी से बढ़ रहा है संघकार्य

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक के उद्घाटन अवसर पर सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने दी जानकारी

भोपाल (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य लगातार बढ़ रहा है. पिछले वर्ष संघ की शाखा के स्थान में लगभग 550 की वृद्धि हुई है. वर्तमान में 34 हजार से अधिक स्थानों पर प्रतिदिन शाखा और 15 हजार से अधिक स्थानों पर साप्ताहिक मिलन संचालित हो रहे हैं. अर्थात् लगभग 49 हजार 493 स्थानों पर शाखा और मिलन के माध्यम से समाज में संघकार्य चल रहा है. इसके साथ ही 1600 शाखाओं और 1700 साप्ताहिक मिलन की संख्या में भी वृद्धि हुई है. सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने भोपाल स्थित शारदा विहार में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के औपचारिक शुभारंभ के बाद पत्रकारों को जानकारी दी. गुरु गोविंद सिंह सभागार में भारत माता की प्रतिमा पर पुष्पार्चन कर संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी और सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी ने कार्यकारी मंडल की बैठक का शुभारंभ किया. इस अवसर पर देशभर से आए लगभग 350 संघ के कार्यकर्ता बैठक में उपस्थित हैं. बैठक में 11 क्षेत्रों एवं 42 प्रांतों के पदाधिकारी शामिल हैं. अखिल भारतीय पदाधिकारी, क्षेत्रों एवं प्रांतों के संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक आगामी तीन दिन में संघ की तीन वर्ष की कार्य योजना, कार्य विस्तार और दृढ़ीकरण पर विचार-मंथन करेंगे.

सह सरकार्यवाह जी ने बताया कि समाज में संघ कार्य बढ़ा है. संघ कार्य के विस्तार में युवाओं की बड़ी भूमिका है. संघ का एक प्रकल्प है ज्वॉइन आरएसएस, इसके माध्यम से बड़ी संख्या में टेक्नोसेवी युवा संघ से जुड़ रहे हैं. ज्वॉइन आरएसएस के माध्यम से जुड़ने वाले युवाओं की संख्या में 2015 की तुलना में 2016 में 48 प्रतिशत और 2017 में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह सभी आंकड़े जनवरी से जून तक के हैं. इनमें 20 से 35 आयु वर्ग की संख्या अधिक है. उन्होंने कहा कि संघ ग्राम विकास, कुटुम्ब प्रबोधन और सामाजिक समरसता जैसी गतिविधियां संचालित कर रहा है. संघ के कार्यकर्ताओं के प्रयास से लगभग 450 गाँवों में उल्लेखनीय बदलाव आया है. संघ मानता है कि परिवार समृद्ध और सुदृढ़ होंगे तो राष्ट्र भी समर्थ बनेगा. इस विचार को लेकर संघ के कार्यकर्ताओं ने 15 वर्ष पूर्व कर्नाटक में कुटुम्ब प्रबोधन का प्रयोग प्रारंभ किया. आज यह प्रयोग पूरे देश में चलाया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं. कुटुम्ब प्रबोधन का महत्त्व समझने के लिए सबको डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की एक पुस्तक पढ़नी चाहिए, जो कुटुम्ब प्रबोधन के विषय पर उनके और जैन संत आचार्य  महाप्रज्ञ के साथ संवाद पर आधारित है. इस पुस्तक में पारिवारिक मूल्यों और राष्ट्र निर्माण पर अच्छा मार्गदर्शन है.

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ की आगामी तीन वर्ष की कार्ययोजना तैयार की जाएगी. कार्यकारी मंडल की रचना तीन वर्ष के लिए होती है. मार्च-2018 में यह तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं. इसलिए कार्यकारी मंडल की रचना के संबंध में भी विचार किया जाएगा, जिसे मार्च-2018 में होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक में अंतिम स्वरूप दिया जाएगा. बैठक में संघ के कार्य विस्तार, वर्तमान में चल रहे कार्यों का वृत्त एवं कार्यों की उपलब्धि का वृत्त प्रस्तुत किया जाएगा. पिछले छह माह के कार्य की समीक्षा होगी. बैठक में संघ शिक्षा वर्ग (कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग) के संबंध में भी चर्चा होगी.

दत्तात्रेय होसबाले जी ने बताया कि मध्यप्रदेश में संघ का कार्य प्रारंभ से ही अच्छा है. मध्यप्रदेश ने संघ को अनेक प्रामाणिक कार्यकर्ता दिए हैं. लम्बे समय के बाद अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक भोपाल में हो रही है. विजयादशमी पर सरसंघचालक जी का उद्बोधन संघ की नीति को दर्शाता है. संघ ने देश के लगभग 20 स्थानों पर बुद्धिजीवियों के बीच उद्बोधन में आए विभिन्न विषयों पर चर्चा का आयोजन किया है. सरसंघचालक ने विभिन्न विषयों को लेकर जो अभिप्राय प्रकट किया, उसके प्रति प्रबुद्ध वर्ग ने भी सहमति एवं समर्थन जताया है. सबको अपने मत को लेकर दृढ़ रहना चाहिए, परंतु समाज के बीच स्वस्थ संवाद होना चाहिए. संघ के कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों के संबंध में उन्होंने कहा कि केरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब और कर्नाटक सहित कुछ अन्य स्थानों पर संघ के कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमलों की संख्या बढ़ी है. संघ के कार्यकर्ताओं पर हमले हमलावरों की वैचारिक पराजय का प्रदर्शन करते हैं. एक विशेष विचारधारा का अस्तित्व बचाने के लिए हताशा में उसके कार्यकर्ता संघ के स्वयंसेवकों पर हमले कर रहे हैं.

प्रदर्शनी ‘धरोहर’ का उद्घाटन – महापुरुषों के जीवन दर्शन पर केंद्रित प्रदर्शनी ‘धरोहर’ का उद्घाटन गुरुवार प्रात: 8:15 बजे सह सरकार्यवाह सुरेश जी सोनी ने किया. प्रदर्शनी में पद्मभूषण कुशोक बकुल रिनपोछे के जीवन दर्शन को दिखाया गया है. यह उनका जन्मशताब्दी वर्ष है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शिक्षा के प्रसार और समाज सुधार के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया. इसके साथ ही 350वीं जयंती के उपलक्ष्य में गुरु गोविंद सिंह और 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में भगिनी निवेदिता के जीवन दर्शन को भी प्रदर्शित किया गया है. संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के संबंध में भी चित्र प्रदर्शित किए गए हैं.

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