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बेसहारा गायों का आसरा बनी रूमीराम की गौशाला

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RumiRam Gosala vikasnagar Dunदेहरादून (विसंकें). विकासनगर, देहरादून छरबा पंचायत में स्वयं के साधनों से पूर्व प्रधान रूमीराम जसवाल ने गौवंश संरक्षण के लिए गौशाला का निर्माण किया. इस गौशाला की शुरुआत बड़े नाटकीय ढंग से हुई. वर्ष 2009 की बात है. पुलिस द्वारा गौकशी के लिए जा रही 40 गायों को गौतस्करों के कब्जे से मुक्त कराया गया था. जिन्हें रूमीराम ने अपनी सुपुर्दगी में लेकर गौशाला की नींव रखी. फिर उन्होंने पांच लाख रुपए का ऋण लेकर 20 दुधारू गायें खरीदीं और उनकी गौशाला चल पड़ी. इस समय रूमीराम की गौशाला, गोसदन में 96 गाय पल रही हैं, जिनकी सेवा व देखभाल पूरी तरह स्वयं के संसाधनों पर करते हैं.

गौसदन के संचालन को उन्होंने वर्ष 2010 में परिसर में ही बायोगैस प्लांट स्थापित किया, जो गौशाला में पल रहे गौवंश के गोबर से चलता है और आज ग्रामीणों के लिए भी वरदान साबित हो रहा है. इस प्लांट में फिलहाल चार किलोवाट बिजली का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है. जिसका उपयोग गांव के हैंडपंपों को चलाने के लिए किया जाता है. इसके साथ ही बैंक से ऋण लेकर खरीदी गई दुधारू गायों का दूध स्थानीय आंचल डेयरी को बेचा जाता है. जिससे गोशाला को आर्थिक सहयोग मिल जाता है. इसके साथ ही परिसर में वर्मी कंपोस्ट भी तैयार की जा रही है, जो गांव में ही जैविक खेती के उपयोग में लाई जाती है. पूर्व प्रधान ने बताया कि सरकार की ओर से वर्ष 2013 में सरकारी अनुदान के तौर पर उन्हें 50 हजार की धनराशि मुहैया कराई गई थी. इसे उन्होंने चारा बैंक में जमा करवा कर गायों के लिए वर्ष के चारे की व्यवस्था की.

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