जबलपुर. एक खड़े ट्रक में 28 गाय-बछड़ों के मृत मिलने से हिन्दू संगठनों में आक्रोश फूट पड़ा. मरे जानवरों की दुर्गंध से पड़ोसियों को पता चला की ट्रक में गाय-बछड़े मरे हैं. नजदीक से जब देखा तो उसमें 6 जानवर जीवित किन्तु घायल अवस्था में मिले.
प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 अगस्त को सुबह एक ट्रक तिलवारा पुल के पास खड़ा मिला. यह ट्रक नागपुर से जबलपुर मवेशियों को लेकर आ रहा था. खराब हो जाने के कारण यह रास्ते में ही खड़ा हो गया. इसे दूसरे ट्रक से टोचन करके ले जाने का प्रयास किया गया. किन्तु दूसरा ट्रक भी खराब हो गया. इस बीच, मवेशी ले जा रहा ट्रक का ड्रायवर भाग निकला. जानवरों के मर जाने के कारण जब उसमें से बदबू फैलने लगी तो ग्रामीण सक्रिय हुये. तब कहीं जाकर पता चला कि उसमें मरे जानवरों में से 28 की मौत हो चुकी है.
जागरूक नागरिकों ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय गढ़ा पुलिस थाने में दी किन्तु तुरन्त पुलिस के न पहुंचने से वहां पर एकत्र लोगों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने चक्का जाम कर दिया. लगभग एक घंटे चले जाम के कारण सड़क के दोनों ओर भारी वाहनों की लम्बी कतारें लग गईं. ग्रामीणों और हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं में पुलिस के रवैये को लेकर भारी नाराजगी देखने को मिली. करीब घंटे भर बाद जब पुलिस के बड़े अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे और लोगों को उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया तब जाकर जाम समाप्त हुआ.
सीएसपी गोरखपुर राजेश तिवारी ने बताया कि 28 मवेशियों का वेटरनरी कॉलेज में पोस्टमार्टम कराया गया है. ट्रक जब्त कर लिया गया है. चालक व मालिक की तलाश की जा रही है. आरोपियों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है. हिन्दू धर्मसेना के योगेश अग्रवाल तथा ग्रामीणों ने कहा कि गौ वंश के परिवहन पर रोक होने के बावजूद पशुओं की तस्करी निरंतर जारी है. इसमें पुलिस की भी संलिप्तता है. उन्होंने कहा कि 28 पशुओं की मौत भूख और प्यास के कारण हुई है, क्योंकि दो दिन से ट्रक उसी स्थान पर खड़ा था. प्रदर्शन में भाग लेने वालों में प्रमुख रूप से स्वामी कालिकानंद, सुदर्शन महाराज, अरविन्द बाबा, कमलेश कनौजिया, नितिन पटेल, अमित पाण्डे, बंटू चंदेल, विजय पांडे, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.