मुंबई (विसंकें). झी24 तास व झी मराठी दिशा के प्रमुख संपादक विजय कुवलेकर ने कहा कि विश्वसनीयता, राष्ट्र निर्माण की नींव है. लेकिन, आज मीडिया की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न निर्माण हो रहा है. तथापि, मीडिया को अपने सामर्थ्य का उपयोग समाजहित में, राष्ट्रहित में करना आवश्यक है. इसी से विश्वसनीयता का निर्माण होगा और यही हमारे अस्तित्व का आधार है. वे विश्व संवाद केंद्र मुंबई द्वारा आयोजित देवर्षि नारद पत्रकारिता सम्मान समारोह में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि जीवन के सभी क्षेत्रो में विवेक समाप्त होते दिखाई दे रहा है. विश्वसनीयता हमारे जीवन का आधार है, इसे हमेशा ध्यान में रखना आवश्यक है. समाचार के अंतिम सत्य तक हम पहुंच रहे हैं या नहीं, यह अधिक महत्वपूर्ण है. समाज को क्या आवश्यक है, उसे क्या देना आवश्यक है, इसका विचार हर पत्रकार को करना चाहिए. अच्छाई और बुराई में से किसे चुनना है, यह पत्रकारों को ध्यान में रखना आवश्यक है. आज सार्वजनिक जीवन में विवेक छूटता जा रहा है. व्यक्तियों के मन में संदेह निर्माण होना निश्चित ही क्लेष कारक है. पत्रकार के रूप में हम अगर कोई भूमिका लेते हैं, तब उसमें शुद्धता होना अत्यावश्यक है.
थिंक महाराष्ट्र डॉट कॉम के संपादक दिकर गांगल, विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष सुधीर जोगलेकर, विश्व संवाद केंद्र के कार्यवाह मोहन ढवलीकर, वेलिंगकर इन्स्टिट्यूट के समूह संचालक डॉ. उदय सालुंखे मंच पर उपस्थित थे.
समारोह में दै. कृषिवल के प्रमुख संपादक प्रसाद केरकर को देवर्षि नारद ज्येष्ठ पत्रकार सम्मान, दै. लोकसत्ता के वरिष्ठ उपसंपादक पंकज भोंसले और दै. मुंबई तरुण भारत के वरिष्ठ उपसंपादक निमेश वहालकर को पत्रकारिता में विशेष योगदान के लिये, टीवी9 मराठी वृत्त वाहिनी की संपादक निखिला म्हात्रे को महिला पत्रकार सम्मान, इलेक्ट्रॉनिक और ब्रॉडकास्टिंग मीडिया में योगदान के लिये झी २४ तास के अमित जोशी को, वृत्तपत्र छायाचित्रकार श्रेणी में दै. मुंबई मिरर के सचिन हरळकर को देवर्षि नारद सम्मान 2019 से सम्मानित किया गया. सोशल मीडिया और ब्लॉगिंग के लिये सोमेश कोलगे को सम्मानित किया गया.
थिंक महाराष्ट्र डॉट कॉम के संपादक दिनकर गांगल ने कहा कि सोशल मीडिया की वजह से आज विश्वसनीयता नष्ट हो रही है. योग्य क्या है और अयोग्य क्या है, ये समझना मुश्किल हो रहा है.
विश्व संवाद केंद्र, मुंबई द्वरा आयोजित पत्र लेखन स्पर्धा के विजेता अरूण पराडकर, सीमा अडकर, अशोक मुल्ये, श्रद्धा हलदनकर और प्रदीप मोरे को भी सम्मानित किया गया. इन पत्रों का संकलित रुप, पत्र सामर्थ्य 2019 विशेषांक प्रकाशित किया गया.