राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने एक आदेश जारी कर कर्चारियों से पूछा है कि वे संघ (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की कौन सी शाखा में जाते हैं. अजमेर में जिला प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों से घोषणा-पत्र के माध्यम से यह बताने को कहा है कि वे किस शाखा में जाते हैं. माना जा सकता है कि पूरवर्ती कांग्रेस नेताओं की तरह अशोक गहलोत सरकार ने संघ के साथ संबंधों को गुनाह साबित करने का दुष्चक्र शुरू किया है.
जानकारी के अनुसार एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर कैलाश चंद्र शर्मा की ओर से सर्कुलर जारी किया गया है. इसमें कर्मचारियों से निजी जानकारी व संघ की शाखा से संबंध के बारे में पूछा गया है. टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार यह आदेश सभी जिलों को ऊपर से दिया गया है. कारण बताया जा रहा है कि गंगापुर सिटी (सवाईमाधोपुर) के विधायक रामकेश मीणा ने विधानसभा में सवाल पूछकर जानकारी मांगी थी. उन्होंने संघ की शाखाओं और उनमें जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के बारे में जानकारी मांगी, साथ ही यह भी पूछा था कि सरकार आरएसएस का हिस्सा बने सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में क्या विचार रखती है?
विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने अशोक गहलोत सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे राज्य में कर्मचारियों के बीच अघोषित आपातकाल लाने का प्रयास करार दिया है. उन्होंने पूछा कि जब किसी सामाजिक संस्था में शामिल होने पर कोई रोक नहीं है, तो फिर सरकार ऐसा स्व घोषणा-पत्र क्यों मांग रही है.